वरासत कराने बेटा पहुंचा तो पता चला किसी और के नाम हो गई जमीन, फर्जी रजिस्ट्री से मची सनसनी
लखनऊ में रजिस्ट्रियों में फर्जीवाड़े के मामले बढ़ रहे हैं। मोहनलालगंज में एक व्यक्ति को वरासत दर्ज कराते समय पता चला कि उसकी जमीन किसी और के नाम हो गई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एक अन्य मामले में, किसान की जमीन धोखे से दूसरे के नाम कर दी गई, जिसे बाद में ठीक किया गया। इन फर्जी रजिस्ट्रियों के पीछे संगठित गिरोहों का हाथ होने की आशंका है।

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण टीम, लखनऊ। रजिस्ट्रियों में फर्जीवाड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। बख्शी का तालाब के बाद अब मोहनलालगंज सब रजिस्ट्रार में फर्जी अभिलेखों के आधार पर बैनामा कर दिया गया। पिता की मौत के बाद जब वरासत दर्ज कराने बेटा पहुंचा तो पता चला कि जमीन किसी दूसरे के नाम हाे चुकी है। बेटे की तहरीर पर मोहनलालगंज पुलिस ने प्रांरभिक जांच के बाद मुकदमा दर्ज किया है।
रजिस्ट्री कार्यालय में ऐशबाग निवासी सैयद फरहान हुसैन के साथ इस बार फर्जीवाड़ा किया गया। पुलिस को दी तहरीर में हुसैन ने बताया है कि गोसाईगंज के घुसकर में उनकी जमीन है। पिछले अगस्त में उनके पिता मोहम्मद उवैस की मौत के बाद जब वह वरासत दर्ज कराने तहसील पहुंचे तो चला कि उनकी जमीन गुजरात निवासी शहाबुद्दीन, मानक नगर लखनऊ निवासी
भगवानदेई और रायबरेली निवासी विमल गिरी के नाम हो गई है। प्रांरभिक जांच के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया सब रजिस्ट्रार कार्यालय में इनके नाम बैनामा कैसे हो गया इसकी जांच की जा रही है।
वहीं एक अन्य मामले में मोहनलालगंज में जालसाजों ने किसान की जमीन दूसरे व्यक्ति के नाम दर्ज कर करा दी। केवली निवासी रामनरेश ने जुलाई में समाधान दिवस पर शिकायत की थी कि उनकी गाटा संख्या 175 क की दस बिस्वा जमीन जो कि पिता किशन के नाम दर्ज है फर्जी तरीके से मृतक शील दिवाकर के नाम दर्ज कर दिया उनके पिता जीवित हैं। उनकी शिकायत पर जांच के बाद मामला फर्जी पाए जाने के बाद तहसील प्रशासन ने जमीन किसान किशन के नाम वापस दर्ज कर दी।
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फर्जी रजिस्ट्रियों के पीछे संगठित गिरोह काम कर रहे हैं। हाल में कानपुर के एक प्रोफेसर की जमीन भी इसी तरह बख्शी का तालाब सब रजिस्ट्रार कार्यालय मेंं जालसाजों ने अपने नाम करा ली थी। प्रोफेसर को उनके पड़ोसी ने जानकारी दी। प्रोफेसर की तहरीर पर बख्शी का तालाब पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज किया है लेकिन अब तक जालसाजों को पकड़ा नहीं जा सका है।
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