यूपी के इस एक्सप्रेसवे को लेकर शुरू होने वाला है भूमि अधिग्रहण, लखनऊ आने वाले लोगों को मिलेगी सहूलियत
आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए एक नए लिंक एक्सप्रेसवे की परियोजना पर जल्द ही काम शुरू होने वाला है। यह लिंक एक्सप्रेसवे 49.8 किलोमीटर लंबा होगा और इसके निर्माण के लिए भूमि क्रय को लेकर शासन ने 500 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है। इस लिंक एक्सप्रेसवे के विकसित होने से पूर्वांचल से लखनऊ आने वाले लोगों को सहूलियत मिलेगी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए बनाए जाने वाले नए लिंक एक्सप्रेसवे की परियोजना पर जल्द ही काम शुरू होगा।
49.8 किलोमीटर के इस लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए भूमि क्रय को लेकर शासन ने 500 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है।
लिंक एक्सप्रेसवे की इस परियोजना को बीते वर्ष सितंबर माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई थी।
आगरा-लखनऊ और पूर्वांचल के बीच बना एक्सप्रेसवे
लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए भूमि क्रय किए जाने संबंधी प्रस्ताव यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण) ने शासन को बीते वर्ष अक्टूबर माह में भेजा था।
यह लिंक एक्सप्रेसवे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर स्थित बहरू से शुरू होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर स्थित महुराकलां में समाप्त होगा। यूपीडा की तरफ से इसे प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड लिंक एक्सप्रेसवे के रूप में निर्मित किया जाएगा।
मेसर्स एमएस पार्क फ्यूचरिस्टिक कंपनी को इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस लिंक एक्सप्रेसवे के विकसित होने के बाद पूर्वांचल से लखनऊ आने वाले लोगों को काफी सहूलियत मिल जाएगी।
दोनों क्षेत्रों के बीच की दूरी भी करीब दो घंटा कम हो जाएगी। वहीं बिहार व पूर्वांचल से लखनऊ होते हुए दिल्ली जाने के लिए लोगों को जाम में नहीं फंसना पड़ेगा।
अभी पूर्वांचल से दिल्ली जाने के लिए लोगों को लखनऊ से होकर गुजरना पड़ता है। शासन द्वारा गुरुवार को जारी शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि भूमि क्रय करने के लिए जारी की जाने वाली राशि जिलाधिकारी लखनऊ के खाते में जमा की जाएगी।
खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों से बढ़ेगा रोजगार: केशव
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियों को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत और इकाइयां लगवाने का निर्देश दिया है।
कहा कि पूर्व से संचालित इकाइयों की जिलेवार सूची उपलब्ध कराई जाए। खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित करने से उद्यमियों को फायदा होगा और इससे रोजगार सृजित होंगे। स्थानीय किसानों को भी फायदा होगा और उनकी आमदनी बढ़ेगी।
समीक्षा बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत 15 हजार इकाइयां स्थापित की गई हैं। प्रदेश में 14 कॉमन इनक्यूबेशन सेंटर बनाए गए हैं।
इन सेंटरों से स्वयं सहायता समूहों की दीदी सूक्ष्म खाद्य उद्योगों को स्थापित करने में योगदान देंगी। योजना के तहत हर जिले में रिसोर्स पर्सन रखे जाएंगे, जो महिलाओं को समूहों से जोड़ने का काम करेंगे।
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