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    उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- 'अभियोजक नहीं, बल्कि उत्पीड़क हैं आप'

    Updated: Thu, 06 Feb 2025 11:36 PM (IST)

    सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है क्योंकि उन्होंने गैंग्सटर रोधी कानून के तहत अप्रसांगिक मामलों को शामिल किया था। कोर्ट ने कहा कि ऐसा करने से सरकार अभियोजक की बजाय उत्पीड़क बन जाती है। यह मामला उत्तर प्रदेश गैंग्सटर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1986 के तहत दर्ज किया गया था। कोर्ट ने चार व्यक्तियों को जमानत दे दी है।

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    सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है।

    पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश गैंग्सटर रोधी कानून के तहत अप्रसांगिक मामलों को शामिल करने के लिए राज्य सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि इस कानून के तहत दर्ज एक मामले में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ अपने जवाब में अप्रसांगिक मामलों को शामिल करने के लिए वह ''अभियोजक नहीं, बल्कि उत्पीड़क'' है।

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    जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की पीठ ने एक आरोपी व्यक्ति की याचिका पर राज्य के हलफनामे का हवाला दिया। साथ ही यह सवाल किया कि उसके खिलाफ ऐसे मामले क्यों हैं जिन्हें या तो रद कर दिया गया है या जिनमें उसे बरी कर दिया गया है।

    आप अपने जवाब में उन मामलों को शामिल कर रहे हैं, जिन्हें रद कर दिया गया है और जिनमें उसे (याचिकाकर्ता को) बरी कर दिया गया है। अगर यह आपकी कार्यप्रणाली है, तो आप अभियोजक नहीं हैं, बल्कि उत्पीड़क हैं।

    -सुप्रीम कोर्ट

    इसलिए कोर्ट ने उत्तर प्रदेश गैंग्सटर्स और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के तहत आरोपों का सामना कर रहे चार व्यक्तियों को जमानत दे दी।

    क्या तथ्यात्मक स्थिति रखना जरूरी नहीं था?

    पीठ ने यूपी सरकार से पूछा, 'अगर वह (याचिकाकर्ता) पहले से ही कुछ मामलों में जमानत पर रिहा है, अगर कुछ कार्यवाही रद कर दी गई है, अगर कुछ कार्यवाही में उसे बरी कर दिया गया है… तो क्या आपके लिए कोर्ट के समक्ष तथ्यात्मक स्थिति रखना जरूरी नहीं था?' 

    यह आदेश अभियुक्तों द्वारा दायर चार अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पारित किया गया। अभियुक्तों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के नवंबर, 2024 के उन आदेशों को चुनौती दी थी जिसमें उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था।

    पर्यटक आवास गृह खुर्जा को पीपीपी मोड पर संचालित करने के लिए हुआ करार

    पर्यटन विभाग ने बुलंदशहर के खुर्जा में स्थित राही पर्यटक आवास गृह को पीपीपी (सार्वजनिक निजी भागीदारी) मोड पर संचालित किए जाने के लिए कृष्णा कांट्रैक्टर्स से करार किया है।

    पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि शीघ्र ही नौ और पर्यटक आवास गृहों को पीपीपी मोड पर संचालित करने के लिए करार किया जाएगा। इनमें राही पर्यटक आवास गृह भदोही, मुंशीगंज, देवा शरीफ, सुमेर सिंह किला, कपिलवस्तु, शिकोहाबाद, विंध्याचल, मऊ स्थित झील महल रेस्टोरेंट व गोपीगंज के नाम शामिल हैं। कैबिनेट की बैठक में इन्हें पीपीपी मोड पर संचालित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।

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