KGMU ट्रामा सेंटर में बढ़ेंगे 500 बेड, बनेगा पेशेंट यूटिलिटी कॉम्प्लेक्स... अब एक छत के नीचे होगा पूरा इलाज
(KGMU) केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में 500 बेड बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है। ट्रामा सेंटर विस्तार व पेशेंट यूटिलिटी कॉम्प्लेक्स बनाए जाने पर कुल 272.97 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अभी ट्रामा सेंटर में कुल 460 बेड हैं। ऐसे में आगे इनकी संख्या बढ़कर 960 हो जाएगी। प्रदेश भर से दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल रोगियों को आसानी से बेड मिल सकेगा।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में 500 बेड बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। ट्रामा सेंटर विस्तार व पेशेंट यूटिलिटी कॉम्प्लेक्स बनाए जाने पर कुल 272.97 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। अभी ट्रामा सेंटर में कुल 460 बेड हैं।
ऐसे में आगे इनकी संख्या बढ़कर 960 हो जाएगी। प्रदेश भर से दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल रोगियों को न सिर्फ आसानी से बेड मिल सकेगा, बल्कि यहां उन्हें एक छत के नीचे ही इलाज की पूरी सुविधा मिलेगी। यही नहीं आपदा प्रबंधन वार्ड भी बनाया जाएगा।
अभी केजीएमयू में 460 बेड ही हैं
बुधवार को कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी। चिकित्सा शिक्षा विभाग के इस महत्वपूर्ण निर्णय से प्रदेश भर के मरीजों को लाभ मिलेगा। अभी केजीएमयू में 460 बेड कम होने के बावजूद भी ट्रामा सेंटर में 600 रोगियों को जैसे-तैसे भर्ती कर उपचार दिलाया जाता है, ताकि उनकी जान बचाई जा सके।
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बेड की संख्या बढ़ने से मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत
अब बेड की संख्या में दोगुणा वृद्धि होने से लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। ट्रामा सेंटर व पेशेंट यूटिलिटी कांप्लेक्स के निर्माण से एक ही छत के नीचे किसी भी दुर्घटना में घायल रोगियों को सभी सर्जिकल स्पेशियलिटी की सुविधा मिलेगी। ट्रामा सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, आर्थोपेडिक सर्जरी, क्रिटिकल केयर मेडिसिन, मॉड्यूलर व हाइब्रिड आपरेशन थियेटर की सुविधा मिलेगी। यही नहीं संपूर्ण पैथोलाजी एवं रेडियोलाजी जांच की सुविधा भी उपलब्ध होंगी।
बेड न मिलने पर दूसरे अस्पतालों में जाते हैं मरीज
पेशेंट यूटिलिटी कॉम्प्लेक्स में विभिन्न आपदाओं आपदाओं से पीड़ित मरीजों के उपचार के लिए आपदा प्रबंधन वॉर्ड भी बनाया जाएगा। जिसका लाभ प्रदेश भर के लोगों को मिलेगा। केजीएमयू ट्रामा सेंटर में बेड न मिलने से बड़ी संख्या में रोगियों को दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है।
500 बेड बढ़ जाने से होगी बहुत सहूलियत
कई बार इमरजेंसी में निजी अस्पताल बेड देने के नाम पर मनचाही वसूली भी करते हैं और इसकी शिकायतें सामने आती हैं। अब 500 बेड बढ़ाए जाने और आपदा से पीड़ित रोगियों का उपचार अलग वॉर्ड में किए जाने से बहुत बड़ी राहत मिलेगी।
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