Kanwar Yatra: कांवड़ यात्रा मार्गों पर 29,454 CCTV कैमरों-375 ड्रोन से निगरानी, 66 हजार पुलिसकर्मी-50 कंपनी CAPF मुस्तैद
लखनऊ में कांवड़ यात्रा के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इंटरनेट पर भ्रामक संदेशों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। 29454 सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है। 66 हजार पुलिसकर्मी तैनात हैं साथ ही त्वरित प्रतिक्रिया टीमें भी मौजूद हैं। सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है और अन्य राज्यों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। कांवड़ यात्रा मार्गों पर कहीं कोई गड़बड़ी न हो, इसके लिए कड़ी निगरानी व सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं। खासकर इंटरनेट मीडिया पर भ्रामक या आपत्तिजनक संदेशों का तत्काल खंडन किए जाने के साथ ही ऐसे मामलों में तत्काल कठोर कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। डीजीपी राजीव कृष्ण ने मेरठ में कांवड़ यात्रा के सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा के बाद सभी जिलों में वरिष्ठ अधिकारियों को शरारती तत्वों पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है। यातायात प्रबंधों को लेकर भी विस्तृत निर्देश दिए हैं।
कांवड़ यात्रा मार्गों पर 29,454 सीसीटीवी कैमरों व 375 ड्रोन से निगरानी की व्यवस्था की गई है। इनमें टी-थर्ड ड्रोन भी शामिल हैं। इसकी मॉनिटरिंग डीजीपी मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम से की जाएगी। इसके अलावा 1,845 जल सेवा केंद्र, 829 चिकित्सा शिविर व 1,222 पुलिस सहायता केंद्र/कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। कांवड़ शिविरों में एंटी सेबोटाज चेकिंग कराकर वहां भी सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं। पुलिस अधिकारियों व थानाध्यक्षों के मोबाइल नंबर, यातायात डाइवर्जन स्कीम व अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं बारकोड के माध्यम से श्रद्धालुओं को उपलब्ध कराने व उनका व्यापक प्रचार-प्रचार किए जाने का निर्देश भी दिया गया है।
कांवड़ मार्गों पर 66 हजार पुलिसकर्मियों के अलावा 50 कंपनी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल/पीएसी व 1,424 होमगार्ड मुस्तैद किए गए हैं। कांवड़ यात्रा में 587 राजपत्रित अधिकारियों, 2,040 निरीक्षकों, 13,520 उपनिरीक्षकों, 39,965 मुख्य आरक्षियों/आरक्षियों, 1,486 महिला उपनिरीक्षकों, 8,541 महिला मुख्य आरक्षियों/आरक्षियों की ड्यूटी लगाई गई है। क्विक रिएक्शन टीम व एंटी टेरर स्क्वाड भी तैनात किए गए हैं। डीजीपी ने आरक्षियों तक की ड्यूटी व निर्देशों के बारे में विस्तृत ब्रीफिंग किए जाने का निर्देश दिया है।
डीजीपी मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेंटर में आठ सदस्यीय टीम गठित कर 24 घंटे निरंतर मानिटरिंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली व राजस्थान के अधिकारियों से समन्वय बनाए रखने के लिए अंतरराज्यीय वाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया है। इसके माध्यम से सूचनाओं का रियल-टाइम प्रेषण, मार्गों की स्थिति, सुरक्षा व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण व अन्य आवश्यक सूचनाओं का आदान-प्रदान होगा। इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किसी भ्रामक सूचना/ फोटो/ वीडियो की तथ्यात्मक जानकारी एक-दूसरे से साझा करके उनका तत्काल खंडन कराया जाएगा।
कांवड़ यात्रा मार्ग पर भारी भीड़ के कारण विभिन्न राजमार्गों को सामान्य यातायात के लिए कुछ दिनों तक प्रतिबंधित किए जाने के दृष्टिगत वैकल्पिक मार्ग पूर्व से चिन्हित हैं। प्रस्तावित बैरिकेडिंग व रूट डायवर्जन स्कीम का रिहर्सल किया जा रहा है । कांवड़ यात्रा के दौरान भारी व हल्के वाहनों का अलग-अलग डायवर्जन उन मार्गों पर किया जाएगा, जो कांवड़ मार्ग नहीं हैं। विभिन्न राजमार्गों/ टोल बैरियर पर कांवड़ यात्रा किस प्रकार जाएगी, इसकी योजना बनाकर राजमार्गों के बाईं तरफ से ही कांवड़ियों के आगे बढ़ने तथा भंडारे/ शिविर को सड़क से 20 फीट की दूरी पर बाईं ओर ही संचालित किए जाने की अनुमति प्रदान करने का भी निर्देश दिया गया है। महिला कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए भी कड़े प्रबंध किए गए हैं। महिला कांवड़ियों से अभद्रता की शिकायत पर त्वरित व कठोर कार्रवाई होगी।
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