कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में जिंदा मरीज को बना दिया मुर्दा, तीन अधिकारी निलंबित
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एक जीवित मरीज को मृत घोषित करने के गंभीर मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कड़ी कार्रवाई की है। घटना के लिए जिम ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, लखनऊ। कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज (जीएसवीएम) में जिंदा मरीज को मृत घोषित करने के मामले को गंभीरता से लेते हुए डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बड़ी कार्रवाई की है।
घटना के लिए जिम्मेदार जूनियर डॉक्टर, स्टाफ नर्स और वार्ड आया को निलंबित कर दिया गया है। तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। कमेटी को तीन दिन में जांच पूरी करनी होगी।
जीएसवीएम में मेडिसिन विभाग के वार्ड नंबर 12 के बेड संख्या 43 पर मृत के स्थान पर जीवित मरीज का पुलिस इन्फॉर्मेशन (पीआई) भेजे जाने का प्रकरण सामने आया है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने प्रकरण को गंभीरता से लिया। उन्होंने कॉलेज के प्रधानाचार्य को कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रकरण की गंभीरता के मद्देनजर ड्यूटी पर तैनात जूनियर रेजिडेंट डॉ. हिमांशु मौर्या, नर्सिंग स्टाफ सनी सोनकर और वार्ड आया रहनुमा को निलंबित कर दिया गया है।
तीन दिन में रिपोर्ट तलब
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की गई है। कमेटी का अध्यक्ष जीएसवीएम की उप प्रधानाचार्य डॉ. ऋचा गिरि को नामित किया गया है।
जबकि ला.ला.रा. एवं संबद्ध चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरके सिंह और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सौरभ अग्रवाल को सदस्य नामित किया गया है। तीन दिन के भीतर कमेटी को जांच कर रिपोर्ट सौंपनी होगी
संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है
डिप्टी सीएम ने कहा कि इस तरह की घटनाएं संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। इसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में घटनाओं पर अंकुश लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

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