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    लखनऊ के बहुचर्चित श्रवण साहू हत्याकांड में IPS मंजिल सैनी की बढ़ी मुश्किलें, CBI ने पाया लापरवाही का दोषी

    By Umesh TiwariEdited By:
    Updated: Tue, 19 Apr 2022 06:25 AM (IST)

    श्रवण साहू को जान का खतरा होने के बावजूद उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराने में लखनऊ के पुलिस अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। बदमाशों ने श्रवण साहू की उनकी दुकान में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। सीबीआइ हाई कोर्ट के आदेश पर हत्याकांड की जांच कर रही है।

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    सीबीआइ ने आइपीएस मंजिल सैनी के विरुद्ध की कार्रवाई की संस्तुति की है।

    लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। बहुचर्चित श्रवण साहू हत्याकांड में लखनऊ की तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी की मुश्किलें जल्द बढ़ सकती हैं। श्रवण साहू हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ लखनऊ की स्पेशल क्राइम ब्रांच ने अपनी पड़ताल में मंजिल सैनी को श्रवण साहू की सुरक्षा में लापरवाही बरते जाने का दोषी पाया है। सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है।

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    श्रवण साहू को जान का खतरा होने के बावजूद उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराने में पुलिस अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। पुलिस की इस चूक के चलते ही लखनऊ के सआदतगंज क्षेत्र में एक फरवरी, 2017 को बदमाशों ने श्रवण साहू की उनकी दुकान में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। सीबीआइ हाई कोर्ट के आदेश पर श्रवण साहू हत्याकांड की जांच कर रही है।

    सीबीआइ ने 11 अगस्त, 2017 को लखनऊ की तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी से लंबी पूछताछ भी की थी। 2005 बैच की आइपीएस अधिकारी मंजिल सैनी पदोन्नति पाकर डीआइजी हो चुकी हैं और वह वर्तमान में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। इन दिनों उनकी तैनाती राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) में है।

    बता दे कि सीबीआइ की पूछताछ के दौरान श्रवण साहू को सुरक्षा प्रदान किये जाने में हुई लापरवाही को लेकर तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी ने अधीनस्थ अधिकारियों को दोषी बताया था। उन्होंने सीबीआइ अधिकारियों को बताया था कि पुलिस लाइन के तत्कालीन प्रतिसार निरीक्षक शिशुपाल सिंह को उन्होंने श्रवण साहू को सुरक्षा प्रदान कराने का मौखिक आदेश दिया था, लेकिन प्रतिसार निरीक्षक ने उसका पालन नहीं किया। सीबीआइ ने श्रवण साहू के बेटे आयुष की हत्या के बाद श्रवण साहू के खिलाफ फर्जी एफआइआर दर्ज किये जाने को लेकर भी उनसे सवाल-जवाब किये थे।

    उल्लेखनीय है कि श्रवण साहू के बेटे आयुष की हत्या अक्टूबर, 2013 को हुई थी। श्रवण बेटे की हत्या के मामले में पैरवी कर रहे थे और आरोपितों ने उनके विरुद्ध ही एक फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया था। इसे लेकर भी लखनऊ पुलिस के तत्कालीन अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई हुई थी।

    श्रवण को पुलिस ने समय रहते सुरक्षा नहीं प्रदान की थी और बदमाशों ने उनकी भी हत्या कर दी थी। सीबीआइ श्रवण साहू हत्याकांड में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है, जिसमें श्रवण के बेटे के हत्यारोपित अकील समेत सात आरोपितों को दोषी ठहराया गया था।