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    योगी सरकार ने किसानों को भी दे दिया दिवाली गिफ्ट, धान और अनाजों की बढ़ाई MSP; इन जिलों को होगा बड़ा फायदा

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 09:41 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश सरकार ने धान और मोटे अनाज के किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि की है। धान के एमएसपी में 69 रुपये प्रति क्विंटल बाजरा में 150 रुपये मक्का में 125 रुपये और ज्वार में 328 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। सरकार ने 60 लाख टन धान और 2.20 लाख टन बाजरा खरीदने का लक्ष्य रखा है।

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    योगी सरकार ने धान और मोटे अनाजों का बढ़ाई एमएसपी।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। धान और मोटे अनाज के किसानों को इस बार अपनी उपज के पहले से अधिक दाम मिलेंगे। सरकार ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में 69 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। वहीं बाजरा के लिए 150 रुपये, मक्का के लिए 125 रुपये और ज्वार हाईब्रिड व मालदांडी के लिए 328 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी बढ़ाया गया है।

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    धान की खरीद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एक अक्टूबर से शुरू होगी, जो 31 जनवरी तक चलेगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में धान की खरीद एक नवंबर से 28 फरवरी तक की जाएगी। इस बार क्रय केंद्रों पर नमी मापक यंत्र की भी व्यवस्था की जाएगी। वहीं, मोटे अनाज की खरीद भी एक अक्टूबर से शुरू होगी।

    इसके तहत 11 जिलों में ज्वार, 25 जिलों में मक्का और 33 जिलों में बाजरा की खरीद होगी। खरीद का क्रम 31 दिसंबर तक चलेगा। शुक्रवार को योगी कैबिनेट ने धान और मोटे अनाज के लिए अलग-अलग क्रय नीति को स्वीकृति दी है।

    कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में केंद्र सरकार ने एमएसपी में वृद्धि की है। इस बार सामान्य धान के लिए 2,369 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए धान के लिए 2389 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी तय किया है।

    इस बार 60 लाख टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए 3300 क्रय केंद्र खोले जा चुके हैं, कैबिनेट ने 700 और क्रय केंद्र खोलने का निर्णय लिया है।

    मिलर द्वारा 15 के अंदर डिपो में चावल का संप्रदान करने पर 35 रुपये प्रति क्विंटल और 16 से 25 दिन के अंदर डिपो में चावल का संप्रदान करने पर 30 रुपये प्रति क्विंटल की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। हाईब्रिड धान पर देय कस्टम मिल्ड राइस (सीएमआर) रिकवरी पर तीन प्रतिश चावल की प्रतिपूर्त राज्य सरकार द्वारा राइस मिलों को की जाएगी।

    सभी जिलों में जीपीएस युक्त वाहनों के माध्यम से क्रय केंद्रों से राइस मिलों तक धान पहुंचाया जाएगा और इसकी ट्रैकिंग की जाएगी। ई-उपार्जन पोर्टल का भारत सरकार के परिवहन विभाग के यूलिप पोर्टल से इंटीग्रेशन किया गया है।

    उन्होंने बताया कि मक्का का एमएसपी 2400 रुपये प्रति क्विंटल, बाजरा का एमएसपी 2775 रुपये प्रति क्विंटल, ज्वार (हाइब्रिड) का एमएसपी 3699 रुपये प्रति क्विंटल और ज्वार (मालदांडी) का एमएसपी 3749 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।

    इनमें मक्का की खरीद बदायूं, बुलंदशहर, हरदोई, उन्नाव, मैनपुरी, आगरा, फिरोजाबाद, अलीगढ़, एटा, कासगंज, हाथरस, कानपुर नगर-देहात, कन्नौज, औरैया, इटावा, बहराइच, गोंडा, बलिया, जौनपुर, फर्रुखाबाद, मीरजापुर, सोनभद्र, देवरिया व ललितपुर में की जाएगी। बाजरा की खरीद बुलंदशहर, आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, अलीगढ़, कासगंज, हाथरस, एटा, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर, संभल, रामपुर, अमरोहा, कानपुर नगर और कानपुर देहात में क्रय केंद्र खोले जाएंगे।

    फर्रुखाबाद, औरैया, कन्नौज, इटावा, जालौन, हमीरपुर, चित्रकूट, गाजीपुर, जौनपुर, प्रयागराज, फतेहपुर, कौशांबी, मीरजापुर, बलिया, हरदोई व उन्नाव में होगी। जबकि बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फतेहपुर, उन्नाव, हरदोई, मीरजापुर व जालौन में ज्वार की खरीद की जाएगी। इस बार 2.20 लाख टन बाजरा, 50 हजार टन ज्वार और 15 हजार टन मक्का की खरीद का लक्ष्य है। बाजरा खरीद के लिए 300, ज्वार के लिए 80 और मक्का के लिए 75 क्रय केंद्र खोले जाएंगे।

    क्रय केंद्रों पर किसानों से खरीद कंप्यूटराइज्ड सत्यापित खतौनी, फोटो युक्त पहचान प्रमाणपत्र और आधार कार्ड के आधार पर की जाएगी।

    क्रय एजेंसियों द्वारा क्रय उपज के मूल्य का भारत सरकार के पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से किसानों के बैंक खाता सत्यापन के बाद 48 घंटे के अंदर भुगतान किया जाएगा।

    मोटे अनाज की खरीद के लिए विभागीय पोर्टल पर क्रय केंद्रों पर मोटे अनाज की खरीद ई-पाप (इलेक्ट्रानिक प्वाइंट आफ परचेज) डिवाइस के माध्यम से बायोमेट्रिक सत्यापन के जरिए ही होगी।

    पीसीएफ और पीसीयू को ऋण के लिए मिली गारंटी

    धान खरीद के लिए उप्र कोआपरेटिव फेडरेशन और उप्र कोआपरेटिव यूनियन और उपभोक्ता सहकारी संघ को नाबार्ड से ऋण लेने के लिए शासकीय गारंटी देने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई।

    पीसीएफ द्वारा चार हजार करोड़ रु़पये और पीसीयू द्वारा 1,500 करोड़ रुपये का अल्पकालिक ऋण लिया जाएगा। ऋण पर देय ब्याज की प्रतिपूर्ति अधिकतम 60 दिन के लिए होगी।

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