यूपी कैबिनेट की मंजूरी के बाद नगरीय निकायों में 3601 पदों पर होगी बंपर भर्ती, निगम में होंगे ये बदलाव
लखनऊ के नगरीय निकायों में 3601 पदों पर भर्ती का रास्ता खुल गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में उत्तर प्रदेश पालिका (केंद्रीयित) सेवा (29वां संशोधन) नियमावली 2025 को मंजूरी मिली। इससे शहरों में कर्मचारियों की कमी दूर होगी और नागरिकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। नए पदों से शहरों में विकास कार्यों को भी गति मिलेगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के नगरीय निकायों में 3601 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट की बैठक उत्तर प्रदेश पालिका (केंद्रीयित) सेवा (29वां संशोधन) नियमावली 2025 को मंजूरी दे दी है। इससे नगर निकायों में विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए सेवा शर्ते स्पष्ट हो गई हैं।
इससे कर्मचारियों को भर्ती किए जाने वाले वादों में कमी आएगी और नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देना संभव हो सकेगा। कर्मचारियों की भूमिका, दायित्व तय होंगे, साथ ही उनकी जवाबदेही बढ़ेगी।
शहरों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए उप्र पालिका (केंद्रीयित) सेवा के विभिन्न संर्वगों के पुनरीक्षण और पुनर्गठन को सितंबर 2024 में मंजूरी दी गई थी।
पुनरीक्षण के बाद निकायों में 3,601 पद बढ़ाने का प्रस्ताव बना था। जबकि निकायों में वर्तमान में 3,085 पद हैं। कैबिनेट से मंजूरी के बाद निकायों में 6,686 पद हो जाएंगे।
नगर विकास विभाग के अनुसार नगर निगम, नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत में केंद्रीयित कर्मियों को रखने के लिए वर्ष 2017 में पदों का निर्धारण हुआ था। तब प्रदेश में निकायों की संख्या 632 थी, ये अब बढ़कर 762 हो गई है।
वर्ष 2017 के बाद प्रदेश में तीन नगर निगम सहित 117 नए निकायों का गठन हुआ है। इसके अलावा 124 नगर निकायों का सीमा विस्तार भी हुआ है। इससे नगरीय निकायों का क्षेत्रफल जो कि वर्ष 2016 में 6,264 वर्ग किलोमीटर था, अब बढ़कर वर्तमान में लगभग 11,257 वर्ग किलोमीटर हो गया है।
वर्तमान में प्रदेश में 17 नगर निगम 200 नगर पालिका परिषद और 545 नगर पंचायतें हैं। नगर विकास विभाग के अधिकारियों के अनुसार कर्मचारियों की संख्या में कमी के कारण शहरों में अच्छी सुविधाएं देने में दिक्क्त आ रही थी। पद बढ़ने से निकायों में सुविधाओं के साथ ही आय भी बढ़ेगी।
ये बदलाव होगा
अधिशासी अधिकारी के अधीन राजस्व, लेखा, इंजीनियरिंग और स्वच्छता संवर्गों को शामिल कर प्रशासनिक क्षमता को मजबूत किया जाएगा। इसके अलावा 17 नगर निगमों में जोनल स्तर पर प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत बनाया जाएगा, जिससे बड़े शहरों में स्थानीय स्तर पर समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान हो सके।
आउटसोर्सिंग के माध्यम से विशेषज्ञों की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। स्वच्छता, बागवानी, राजस्व और पर्यावरण प्रबंधन जैसे संवर्गों को प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही वित्तीय संसाधनों के बेहतर प्रबंधन से विकास परियोजनाओं में गति आएगी।
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