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नोट बंदी पर जनता का मूड टटोलने में जुटी इंटेलीजेंस ब्यूरो

इंटेलीजेंस ब्यूरो (आइबी) नोट बंदी के निर्णय से कानून व्यवस्था बिगडऩे की आशंका की टोह लेने में जुटी है। जनता का मूड समझने का प्रयास भी चल रहा है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 15 Nov 2016 09:34 AM (IST)Updated: Tue, 15 Nov 2016 11:04 AM (IST)
नोट बंदी पर जनता का मूड टटोलने में जुटी इंटेलीजेंस ब्यूरो

लखनऊ (जेएनएन)। देश में 500 व 1000 रुपये के नोट अमान्य होने पर खुदरा नोटों की चाहत में नागरिकों के सड़क पर उतरने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले 'ईमानदारी का उत्सव ठहरा रहे हों, मगर इंटेलीजेंस ब्यूरो (आइबी) इस निर्णय से कानून व्यवस्था बिगडऩे की आशंका की टोह लेने में जुटी है। जनता का मूड समझने का प्रयास भी चल रहा है। आइबी के निदेशक दिनेश्वर शर्मा ने लखनऊ आकर इस बिंदु पर अधिकारियों के साथ चर्चा की। साथ ही विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री के यूपी के दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था पर पुलिस अधिकारियों से बातचीत की।
केंद्र सरकार की ओर से 500 व 1000 रुपये के नोट बंद करने के फैसले को समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी ने आर्थिक इमरजेंसी करार दिया है। सपा सरकार में है और राज्य में बसपा मुख्य विपक्षी दल है। दोनों दल नोटों की वैधता की तारीख बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। ऊपर से खुदरा नोटों से लिए बैंकों व एटीएम में लंबी लाइनें लग रही हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि छोटे नोटों की उपलब्धता नहीं होने से कानून व्यवस्था बिगड़ रही है। सूत्रों का कहना है कि आइबी को भी ऐसे इनपुट मिले हैं कि बड़े नोटों का चलन बंद होने से मची आपाधापी की आड़ में कानून व्यवस्था बिगाडऩे की कोशिशें की जा सकती हैं। कानून व्यवस्था बिगडऩे पर इसका सियासी लाभ पाने के मंसूबे भी पाले जा रहे है

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नोटबंदी से उपजी परिस्थितियों का आकलन करने के लिए आइबी के निदेशक दिनेश्वर शर्मा रविवार को लखनऊ पहुंचे। खुफिया अधिकारियों के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक व उनकी खुफिया टीम के साथ परिस्थितियों की जानकारी ली और आइबी के स्थानीय अधिकारियों को प्रत्येक घटनाक्रम पर नजर रखने का निर्देश दिया। सूत्रों का कहना है कि चुनावी साल में प्रधानमंत्री के जल्दी-जल्दी होने वाले दौरों के मद्देनजर सुरक्षा को लेकर भी अधिकारियों के साथ उन्होंने बातचीत की है। प्रधानमंत्री को चुनाव शुरू होने से पहले से लेकर खत्म होने कर प्रदेश में 24 रैलियां करनी है। इन रैलियों के दौरान की जाने वाली सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी आइबी निदेशक ने प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के साथ मंथन किया है।

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