Move to Jagran APP

सरकारी बिलों के भुगतान में टूटा रिकार्ड, 500 फीसद तक इजाफा

बैंकों में 1000 व 500 रुपये के नोट जमा करने में दिक्कत होती देख लोगों ने इन नोटों को सरकारी बिलों के भुगतान में खपा दिया।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 15 Nov 2016 10:42 AM (IST)Updated: Wed, 16 Nov 2016 04:59 PM (IST)
सरकारी बिलों के भुगतान में टूटा रिकार्ड, 500 फीसद तक इजाफा

[अमित मिश्र] लखनऊ। काला धन रखने वालों से लेकर व्यापारी-कारोबारी तक भले निराश हों, लेकिन नोटबंदी के बाद सरकारी बिलों के भुगतान का छींका ऐसा फूटा कि सारे रिकॉर्ड टूट गए। करीब 500 फीसद वसूली हो गई। आमतौर पर सारे जरूरी खर्च निपटाने के बाद ही सरकारी बिलों के भुगतान का नंबर आता है, लेकिन बैंकों में 1000 व 500 रुपये के नोट जमा करने में दिक्कत होती देख लोगों ने इन नोटों को सरकारी भुगतान में खपा दिया। अब विभाग अपनी जेब में भरे नोट देख कर निहाल हैं तो उधर बकाएदार भी एक तीर से दो शिकार करने जैसी अनुभूति से गदगद हैं।

loksabha election banner

Note ban: नोट पाबंदी फरमान से पूरे देश में बदअमनी के हालात : आजम
लखनऊ सहित प्रदेश के 17 जिलों के ई-सुविधा बिलिंग केंद्रों में इन दिनों कतार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। यही हाल नगर निगम और जल संस्थान के बिल भुगतान का है। ऐन मौके पर केंद्र सरकार से की गई अपील ने इन विभागों का अर्थशास्त्र बदल दिया है। बड़े नोट बंद होने और छोटे नोटों की किल्लत का हवाला देते हुए विभागों का तर्क था कि महीने के इन दिनों में उसके पास आने वाला राजस्व रुकेगा तो जनसेवाएं प्रभावित होंगी। मजे की बात यह कि नोटबंदी से जहां 100 रुपये के नुकसान का अंदाजा था, पुराने नोटों की स्वीकार्यता के बाद वहीं अब 600 से 1000 रुपये जमा हो रहे हैं।

हैरत में हैं अफसर
विभागों के अधिकारी जिन इलाकों में वसूली अभियान चलाने की हिम्मत नहीं कर पाते थे या जिन इलाकों में अभियान बेअसर रहते थे और जहां के बारे में यही मान कर तसल्ली का रास्ता निकाल लिया गया था कि यहां गरीब लोग रहते हैं, यहां से वसूली संभव नहीं है, वहीं से अब भरपूर बड़े नोट आते देख अधिकारी भी हैरत में हैं। अब उन्हें समझ आ रहा है कि डर और हिचक की वजह से अब तक वे कितना नुकसान सहते आए हैं।

15-20 की जगह आ गए 103 करोड़
बिजली बिल जमा करने वाले ई-सुविधा केंद्रों ने 17 जिलों में इस महीने नौ से 13 नवंबर तक महज पांच दिनों में 1.96 लाख लोगों से 103.34 करोड़ रुपये जमा करा लिए हैं। पिछले महीने अक्टूबर में इतनी अवधि के बीच 67 हजार लोगों ने 19.86 करोड़ अदा किए थे, जबकि पिछले साल नवंबर की इन्हीं तारीखों में 55 हजार उपभोक्ताओं ने सिर्फ 14.93 करोड़ रुपये जमा किए थे। इस बार बिल जमा करने वालों की संख्या भी जबर्दस्त रही।

11 नवंबर को बिल जमा करने वालों की संख्या 90,350 के रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गई, जबकि पिछले महीने अक्टूबर में या पिछले साल नवंबर की इन तारीखों में बिल जमा करने वालों की अधिकतम संख्या 13 अक्टूबर को 31,451 रही थी। खास बात यह भी है कि सिर्फ बिल जमा करने वालों की ही संख्या नहीं बढ़ी है, बल्कि प्रति उपभोक्ता बिल भुगतान का औसत भी ऊंचा उठ गया है। पिछले महीने की इन तारीखों में जहां प्रति व्यक्ति भुगतान का औसत 2493 से 3324 रुपये के बीच था, वहीं इस बार यह औसत 3968 से 7014 रुपये के बीच है।
इतनी हुई कमाई
तारीख - बिलों की संख्या - रकम (करोड़ रु. में)
9 नवंबर 3,488 2.07
10 नवंबर 15,340 10.75
11 नवंबर 90,350 55.67
12 नवंबर 45,840 18.38
13 नवंबर 41445 16.44

यह भी पढ़ें-

पढ़ें-एक दिन की बंदी के बाद आज फिर से बैंकों के बाहर लंबी लाइन

पढ़ें-किसानों और बेटियों की शादी के लिए नकदी में मदद करे केंद्र सरकार : अखिलेश

पढ़ें-अखिलेश ने पूछा, क्या गारंटी है कि पाकिस्तान दो हजार के नोट नहीं छापेगा

पढ़ें-कड़क चाय बनाने की आदत थी, इसीलिये निर्णय भी कड़क लेता हूं-मोदी

पढ़ें-अगर 10 महीने से तैयारी चल रही थी तो इतनी अफरा-तफरी क्यों-मायावती


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.