Heart Attack में डिस्प्रिन करेगी काम, ये चीजें मरीज को बिल्कुल मत दें... एक्सपर्ट्स के जानें सवालों के जवाब
दैनिक जागरण द्वारा आयोजित सीपीआर कार्यशाला में लोहिया संस्थान के डॉ. सारांश ने सीपीआर की बारीकियों से अवगत कराया और बचाव के तरीके बताए। हार्ट अटैक के समय सिर्फ डिस्प्रिन देनी चाहिए। इसका दर्द नाभि से लेकर जबड़े व बाएं तरफ कंधे में हो सकता है। भारीपन पसीना आना बेचैनी मूल लक्ष्ण हैं। जानें हार्ट अटैक के समय क्या करें और क्या न करें।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। 'हृदय की बात एक अभियान दैनिक जागरण का' गाेमती नगर के विवेक खंड तीन और चार के वरिष्ठ नागरिकों ने खूब सराहा। गोमती नगर जनकल्याण समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से जहां सीपीआर के कमांडों तैयार होते हैं, वहीं समाज में हार्ट अटैक से बचाव के प्रति जागरूकता आती है।
दैनिक जागरण द्वारा विवेक खंड चार स्थित अभिषेक मेमोरियल पार्क में कार्डियोपलमोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में लोहिया संस्थान के डॉ. सारांश ने रविवार को सीपीआर की बारीकियों से अवगत कराने के साथ ही बचाव भी बताए।
उन्होंने बताया कि तीस बार सीपीआर और दो बार मुंह में सास देनी है। मरीज के होश मेंं आने तक यह क्रम जारी रखना है। कार्यशाला में आयुर्वेद के डॉक्टर, सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी, अधिशासी अभियंता, निदेशक सहित कई हस्तियां सम्मिलित हुई। इस दौरान जागरूक लोगों ने प्रश्न भी पूछे।
यहां जानें सारे सवालों के जवाब
प्रश्न- कालीचरण कॉलेज के प्रबंधक वीके मिश्रा ने पूछा कि हार्ट अटैक के समय हम मरीज को एंबुलेंस से ले जाएं या फिर अपने संसाधन से अस्पताल, क्या गाड़ी में भी सीपीआर देते रहें। इसके अलावा क्या और करें, जिससे मरीज सुरक्षित रहें?
उत्तर- मरीज को एंबुलेंस से ही अस्पताल ले जाएं, क्योंकि एंबुलेंस में व्यवस्थाएं मेडिकल की रहती हैं। अगर स्थिति ज्यादा खराब है और एंबुलेंस नहीं आ रही है तो अपने संसाधन से ले जाएं। प्रयास करें कि सफर में अस्पताल पहुंचने तक सीपीआर देते रहें। डिस्प्रिन भी दें।
प्रश्न- राकेश कृष्णा, रूप कुमार शर्मा, राजेश अधौलिया, हरिहर प्रसाद ने पूछा कि हार्ट अटैक के समय क्या दवा देनी चाहिए, इसके क्या लक्षण हैं और बचाव क्या है? कभी-कभी गैस बनती है तो हार्ट अटैक व गैस में क्या अंतर है? दोनों के दर्द को कैसे पहचाने?
उत्तर- हार्ट अटैक के समय सिर्फ डिस्प्रिन देनी चाहिए। इसका दर्द नाभि से लेकर जबड़े व बाएं तरफ कंधे में हो सकता है। भारीपन, पसीना आना, बेचैनी मूल लक्ष्ण हैं। गैस के दर्द में जलन व पेट फूलता है। दोनों के दर्द में अंतर है। ऐसे स्थिति में नजदीकी अस्पताल जरूर जाए, टाले नहीं।
प्रश्न- अमरेंद्र, लक्ष्मीकांत ने पूछा कि मधुमेह रोगियों को हार्ट अटैक के समय कोई दर्द नहीं होता। सीपीआर किस समय देने की आवश्यकता है। इसे कैसे देना चाहिए, क्या हार्ट अटैक के समय मिर्च, लहसनु, अदरक कारगर है। क्या जांच कराते रहे समय-समय पर। रात में खाने के बाद टहलना चाहिए या नहीं
उत्तर- मधुमेह रोगियों को अगर कुछ भी असहज लगे तो वह नजदीकी अस्पताल जाएं। अमूमन हार्ट अटैक के समय दर्द होता है। सीपीआर देने से पहले गले की कोरोनरी धमनी (सीएडी) को दबाकर देखे, वह अगर थोड़ा भी सक्रिय है तो सीपीआर देने की आवश्यकता नहीं है।
मरीज को अस्पताल लेकर जाएं। वहीं हार्ट अटैक के समय मिर्च, लहसुन, अदरक न दें, सिर्फ डिस्प्रिन दें और फिर डॉक्टर को दिखाएं। समय-समय पर सीबीसी, एलएफटी, फास्टिंग, बीपी की जांच कराते रहना चाहिए। रात में खाने के बाद भी टहलने में कोई दिक्कत नहीं है। कम से कम पांच से आठ किमी. चलें।
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