यूपी में निजी स्कूलों के शिक्षकों के लिए खुशखबरी, इन दो सुविधाओं के लिए सभी जिलों में होगी जांच, निर्देश जारी
उत्तर प्रदेश में निजी स्कूलों के शिक्षकों को ईपीएफ और जीवन बीमा की सुविधा देना अनिवार्य होगा। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह के पत्र के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखाई है और सभी जिलों में जांच कराने का निर्णय लिया है। शिक्षकों को कुशल श्रमिकों को दिए जाने वाले मानदेय से कम मानदेय नहीं दिया जा सकता है और उन्हें बैंक खाते में मानदेय भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। निजी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) और जीवन बीमा की सुविधा देनी ही होगी। अभी तमाम विद्यालय शिक्षकों को यह सुविधा नहीं दे रहे। यही नहीं उनका मानदेय भी बैंक खाते में नहीं भेजा जा रहा।
पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह की ओर से अपर मुख्य सचिव, माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार को पत्र लिखकर अव्यवस्था की जानकारी दिए जाने के बाद विभाग सख्त हो गया है। अब इसकी सभी जिलों में जांच कराई जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव की ओर से सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह 10 अगस्त 2001 को जारी शासनादेश का सख्ती के साथ पालन कराएं।
13,186 रुपये मासिक न्यूनतम मानदेय की व्यवस्था
शिक्षकों को कुशल श्रमिकों को दिए जाने वाले मानदेय से कम मानदेय किसी भी कीमत पर न दिया जाए। कुशल श्रमिकों को 13,186 रुपये मासिक न्यूनतम मानदेय देने की व्यवस्था है। फिर भी कई विद्यालय इससे कम मानदेय ही दे रहे हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (चंदेल गुट) के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी का कहना है कि निजी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों का शोषण किया जा रहा है। उनसे कार्य तो काफी लिया जाता है, लेकिन मानदेय कम दिया जाता है।
बैंक खाते में मानदेय भेजने की व्यवस्था के बावजूद नकद मानदेय दिया जा रहा है। वहीं, ईपीएफ व बीमा की सुविधा भी नहीं मिल रही। ऐसे में डीआईओएस अगर सख्ती करेंगे तो इन शिक्षकों को बड़ी राहत मिलेगी।
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राज्यकर्मी अब 10 मार्च तक दे सकेंगे संपत्तियों का विवरण
प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मियों को संपत्ति का विवरण दर्ज करने के लिए 10 मार्च तक का समय प्रदान कर दिया है। मानव संपदा पोर्टल पर संपत्ति का विवरण दर्ज करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी शुक्रवार को समाप्त हो रही थी। इसे गुरुवार को ही बढ़ा दिया गया।
प्रदेश के अब तक 7,08,588 कर्मियों यानी 85 प्रतिशत ने संपत्तियों की जानकारी आनलाइन दे दी है। कार्मिक विभाग के विशेष सचिव कुलदीप रस्तोगी ने गुरुवार को इसका शासनादेश जारी कर दिया है।
सभी विभागों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि तय समय में संपत्तियों का ब्योरा देने वालों को ही मार्च का वेतन अप्रैल 2025 में दिया जाएगा। विवरण न देने वालों का वेतन रोक दिया जाएगा।
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