फरवरी 2026 में सोने-चांदी के दाम गिरेंगे या बढ़ेंगे? एक्सपर्ट के अनुमान से मचा हड़कंप
लखनऊ में सोने-चांदी की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे निवेशक आकर्षित हो रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, फरवरी 2026 तक सोना 1.5 लाख रुपये प्रति 10 ग् ...और पढ़ें

अंशू दीक्षित, लखनऊ। राजधानी लखनऊ में सोने व चांदी की बढ़ती कीमतों के कारण बाजार में ग्राहकों को असमंजस में डाल दिया है। ग्राहकों के समझ में नहीं आ रहा है कि शादियों में जो बिटियां के लिए गहने बनवाए, अब वह कितने ग्राम के बनवाए। क्योंकि हल्के से हल्का सोना भी सात से आठ लाख तक पहुंच रहा है। बिछिया व पायल जो चंद हजार में मिल जाती थी, अब वजन बढ़ते ही लाख रुपये तक पहुंच गई है।
इसके बाद भी अपनों को देने के लिए लोग ज्वेलर्स के यहां पहुंच रहे हैं और पूछ रहे हैं क्या सोने व चांदी के दाम कुछ गिरेंगे? इस पर सर्राफा कारोबारी कोई दावा नहीं कर रहे हैं। कारोबारियों का तर्क है कि अभी ले लो, फरवरी 2026 तक सोना डेढ़ लाख रुपये प्रति दस ग्राम भी रह सकता है और उससे ऊपर भी निकल सकता है।
अब सोना हजार से पांच सौ रुपये प्रति दस ग्राम भले गिर जाए, वापस सवा लाख में नहीं आने वाला। हां चांदी 2.36 लाख प्रति से किलो से जरूर पांच से दस हजार कम हो सकती है लेकिन अभी इसके भी कम होने के आसार नहीं है। क्योंकि निवेशकों का रुख अब इन्हीं दोनों धातुओं पर सबसे ज्यादा है और इन दोनों धातुओं के दामों में बढ़ोत्तरी तय मानी जा रही है।
इंडियन बुलियन ज्वेलर्स एसोसिएशन के नार्थ हेड अनुराग रस्तोगी कहते हैं कि सोना अपने उच्चतम स्तर पर है। ग्राहकों को सोने में निवेश और खरीदारी जारी रखनी चाहिए। बजट के हिसाब से जरूर निवेश करे, क्योंकि सोना आने वाले चंद सालों में एक नया कीर्तिमान स्थापित करने जा रहा है।
रस्तोगी कहते हैं कि दिसंबर 2026 तक सोने की कीमत डेढ़ लाख होने का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन सोना शुक्रवार की शाम को ही 1,42,300 रुपये प्रति दस ग्राम पहुंच गया। हर दिन पांच सौ से लेकर पंद्रह सौ रुपये तक सोने की कीमतें बढ़ रही हैं। अब दिसंबर 2026 तक सोने की कीमतों को लेकर ज्वेलर्स भी असमंजस में है। कोई कहता हैं कि डेढ़ से पौने दो लाख रुपये प्रति दस ग्राम के आसपास ही रहेंगी तो कोई विशेषज्ञ दो लाख के आसपास जाने का अनुमान लगा रहा है। बशर्ते सोने की बढ़ोत्तरी की यही रफ्तार रही तो।
कुछ इस तरह बढ़ी कीमतें
चांदी के दाम 31 दिसंबर 2024 में 89 हजार रुपये प्रति किलो के आसपास थी। 163 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी चांदी में हुई। हर दो माह में चांदी बड़ा उल्टफेर करते हुए बेहतर रिटर्न दिया। इब्जा के नार्थ हेड कहते हैं कि सोने में 63 हजार रुपये से अधिक वृद्धि हुई है। यह उछाल एक साल में 79 प्रतिशत के आसपास है।
क्या है सोने व चांदी की कीमतें बढ़ने का कारण
. आर्थिक अनिश्चितता और रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध के साथ ही वैश्विक अस्थिरता के माहौल में निवेशक शेयर बाजार जैसे जोखिम भरे निवेश से पैसा निकालकर सोना-चांदी में लगाते हैं, जिससे दोनों धातुओं की मांग बढ़ती हैं।
. डालर का कमजोर होने से सोना को डालर में खरीदा जाता है; जब डालर कमजोर होता है, तो अन्य मुद्राओं वाले निवेशकों के लिए सोना सस्ता हो जाता है। इससे मांग बढ़ती है और कीमतें चढ़ती हैं।
. कम ब्याज दरें भी एक कारण है, इसमें केंद्रीय बैंक ब्याज दरें घटाते हैं, तो बान्ड जैसे निवेश कम आकर्षक हो जाते हैं और सोने में निवेश का रुझान बढ़ता है।
.चांदी की मांग इलेक्ट्रानिक्स, ग्रीन टेक्नोलाजी (जैसे सोलर पैनल) और इलेक्ट्रिक गाड़ियों में बहुत बढ़ गई है। इसका भी कीमते बढ़ने का कारण है।
. त्योहारों और शादी-ब्याह की मांग भी एक कारण है।

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