चार दिन में काफी बढ़ गया गंगा का जलस्तर, बाढ़ का खतरा; सिंचाई विभाग की टीम हो गई अलर्ट
कानपुर में गंगा का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है जिससे किनारे के गाँवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। सिंचाई विभाग और प्रशासन सतर्क हो गए हैं और निगरानी बढ़ा दी गई है। गंगा बैराज पर नौकायन रोक दिया गया है और लोगों को नाव चलाने से रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। जलस्तर में वृद्धि को देखते हुए खतरे की चेतावनी जारी की गई है।

जागरण संवाददाता, कानपुर। गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। पिछले चार दिन में गंगा का जलस्तर 1.03 मीटर बढ़ गया है। शुक्लागंज में गंगा का जलस्तर 29 जून को 108.43 मीटर था जो दो जुलाई को 109.47 मीटर पहुंच गया है।
गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सिंचाई विभाग ने गंगा के किनारे के गांवों में सतर्कता बढ़ा दी है। साथ ही गंगा पर हर वक्त नजर रखने के लिए टीम लगायी गयी है।पिछले 24 घंटे में गंगा का जलस्तर 20 सेंटीमीटर अब तक बढ़ चुका है। प्रशासन स्तर पर भी तैयारी शुरू कर दी गयी है ताकि गंगा का जल गांवों में पहुंचने से पहले ही लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके।
गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ता देख गंगा बैराज स्थित बोट क्लब में नौकायन पर 15 अक्टूबर तक पहले ही रोक लगा दी गयी है। साथ ही प्रशासन ने भी गंंगा में नाव जाने से रोकने के लिए सतर्कता बढ़ा दी है लेकिन परमट घाट और अटल घाट में रोक के बाद भी लोग नाव ले जा रहे है।कभी भी कोई हादसा हो सकता है।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता पंकज गौतम ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ता देखकर सतर्कता बढ़ा दी गयी है। गंगा पर हर वक्त नजर रखने के लिए टीम लगायी गयी है।
गंगा का हाल
- अप स्ट्रीम पर गंगा का जलस्तर - 112.60 मीटर
- डाउन स्ट्रीम पर गंगा का जलस्तर 111.36 मीटर
- शुक्लागंज में गंगा का जलस्तर -109.47 मीटर
- बैराज के 30 गेट में - 15 गेट खोले
- शुक्लागंज की तरफ चेतावनी बिंदु - 113 मीटर
- खतरे का निशान - 114 मीटर
- नरोरा बांध से बुधवार को छोड़ा गया गंगा का जल - 1,16,512 क्यूसेक
- गंगा बैराज से शुक्लागंज की तरफ बुधवार को छोड़ा गया गंगा का जलस्तर - 24, 936 क्यूसेक
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।