हरिद्वार, आगरा और बुंदेलखंड से जुड़ेगा गंगा एक्सप्रेस-वे; सीएम योगी ने बताया फ्यूचर प्लान
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रगति का जायजा लेने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि भविष्य में इस एक्सप्रेसवे को हरिद्वार आगरा और बुंदेलखंड से भी जोड़ने की योजना है। यह एक्सप्रेसवे विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। नवंबर में गंगा एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण किया जाएगा। बता दें दो-तीन मई को लड़ाकू विमानों की ट्रायल लैंडिंग गंगा एक्सप्रेस-वे पर होगी।

जागरण टीम, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को हरदोई, शाहजहांपुर व हापुड़ में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण की प्रगति का जायजा लिया। सबसे पहले हरदोई में पैदल और कार से निरीक्षण किया। उसके बाद शाहजहांपुर के जलालाबाद में दो-तीन मई को जिस हवाई पट्टी पर लड़ाकू विमानों की गर्जना सुनाई देगी, उस पर सीएम का हेलीकाप्टर उतरा।
वहां पांच किलोमीटर की पट्टी पर कुछ कदम टहले, फिर वहीं टेंट में अधिकारियों के साथ बैठक भी की। मुख्यमंत्री उन्हें बता गए कि भविष्य में इस एक्सप्रेसवे को हरिद्वार, आगरा और बुंदेलखंड से भी जोड़ने की योजना है। एक्सप्रेसवे विकसित भारत का लक्ष्य पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
नवंबर में किया जाएगा गंगा एक्सप्रेस-वे का लोकार्पण
हापुड़ में सीएम ने कहा कि एक्सप्रेसवे का निर्माण निर्धारित समय में ही होना है, इसमें किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। नवंबर में इसका लोकार्पण किया जाएगा। एक्सप्रेसवे पर जलालाबाद में पांच किमी की हवाई पट्टी बनी है, जिसमें साढ़े तीन किमी को रनवे के तौर पर उपयोग किया जाएगा। दो मई की रात और तीन मई को दिन में वायु सेना अपने लड़ाकू विमानों की ट्रायल लैंडिंग करेगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि एक्सप्रेसवे के मेरठ वाले छोर को हरिद्वार से जोड़ने की योजना है। इसी तरह प्रयागराज वाले छोर का गाजीपुर तक विस्तार किया जाएगा। इसे बुंदेलखंड से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, जलालाबाद से फर्रुखाबाद तक लिंक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा, ताकि गंगा एक्सप्रेसवे को आगरा एक्सप्रेसवे से जोड़ा जा सके। एक्सप्रेसवे का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 18 दिसंबर 2021 को शाहजहांपुर में किया था।
वायुसेना के अधीन किया गया एक्सप्रेसवे
मुख्यमंत्री के निरीक्षण के बाद हवाई पट्टी को वायु सेना के अधीन कर दिया गया। ट्रायल लैंडिंग के दृष्टिगत अब इस पर प्रवेश प्रतिबंधित है। इसकी निगरानी के लिए 250 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। बेसहारा पशुओं की रोकथाम के लिए बैरीकेडिंग की गई। 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे छह लेन वाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे है। इसे भविष्य में आठ लेन तक विस्तारित किया जा सकता है।
मेरठ के बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज के जुदापुर डांडू गांव तक जाने वाला यह एक्सप्रेसवे हरदोई के साथ ही मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ 12 जिलों से होकर गुजरा है।
37,350 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले एक्सप्रेसवे का 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है।
शाहजहांपुर में हवाई पट्टी का महत्व
आपातकालीन परिस्थितियों एवं सामरिक महत्व को ध्यान में रखते हुए जलालाबाद में हवाई पट्टी बनाई गई। कंक्रीट व बजरी के बाद इस पर 320 मिमी. मोटाई की परत बिछाई गई जोकि एक्सप्रेसवे की सड़क से कई गुणा अधिक मोटी है। इसकी चौड़ाई 36 मीटर रखी गई है। यहां से चीन व नेपाल सीमा का सीधा जुड़ाव है। विश्रामनगर में इंटरचेंज बन रहा है, जिससे एक्सप्रेसवे पर उतरा व चढ़ा जा सकता है।
आपात स्थिति होने पर सेना यहां से शाहजहांपुर होकर पलिया के रास्ते खीरी के गौरीफंटा के पास नेपाल की सीमा पर आसानी से पहुंच सकती है। इसी तरह शाहजहांपुर से पीलीभीत होकर उत्तराखंड के रास्ते चीन व नेपाल की सीमा पर भी सेना के लिए पहुंचना आसान होगा। फतेहगढ़ छावनी, बरेली कैंट भी नजदीक है। पांच हैलीपैड भी बनाए जाने हैं।
प्रदेश के इन एक्सप्रेसवे पर उतर सकते हैं लड़ाकू विमान
उत्तर प्रदेश में पहले से ही यमुना एक्सप्रेसवे (आगरा-दिल्ली), लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (लखनऊ-गाजीपुर) पर फाइटर प्लेन लैंड करने की सुविधा है। वहीं, देश के कुल 12 एक्सप्रेसवे पर लड़ाकू विमान उतर सकते हैं।
देश के विकास की आधार रेखा बनेगा गंगा एक्सप्रेसवे
हापुड़ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह एक्सप्रेसवे कोई सामान्य हाईवे नहीं है। यह देश के विकास की आधार रेखा बनेगा। प्रदेश के विकास के साथ ही इससे उत्तराखंड व बिहार के बीच की दूरी कम हो जाएगी। इसके दोनों ओर औद्योगिक गलियारे बनेंगे, जिससे यह औद्योगिक व्यापार और रोजगार का बड़ा क्षेत्र बनेगा। इसमें जगह-जगह बनने वाले एक्सचेंस से हाईवे आपस में जुड़ जाएंगे, जिससे सफर सुगम हो जाएगा।
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