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    ई-लॉटरी से डिजिटल लॉक तक: योगी सरकार ने आबकारी विभाग से भ्रष्टाचार को किया 'आउट'

    Updated: Mon, 29 Dec 2025 04:15 PM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग ने 2025 में रिकॉर्ड राजस्व, निवेश और रोजगार के नए आयाम स्थापित किए हैं। नई नीति ने ...और पढ़ें

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    डिजिटल नियंत्रण, जीरो टॉलरेंस और रिकॉर्ड कमाई से यूपी मॉडल देश में नंबर 1

    डिजिटल टीम, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग ने वर्ष 2025 में निवेश, रोजगार और राजस्व संग्रह के सभी पुराने रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। नई आबकारी नीति ने न केवल विभाग की कार्यप्रणाली को पूरी तरह डिजिटल और भ्रष्टाचार मुक्त बनाया है, बल्कि 'जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत शराब माफियाओं के सिंडिकेट को भी जड़ से उखाड़ फेंका है। आज यूपी का यह आबकारी मॉडल अपनी पारदर्शिता और रिकॉर्ड कमाई के कारण देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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    तकनीक से बदली छवि: ई-लॉटरी और ऑनलाइन सिस्टम का कमाल

    योगी सरकार ने इस साल आबकारी विभाग को पूरी तरह 'हाई-टेक' बना दिया है। लाइसेंस आवंटन के लिए ई-लॉटरी प्रणाली लागू होने से पक्षपात की गुंजाइश खत्म हो गई है। थोक अनुज्ञापनों का निर्गमन, बोतलों पर लेबल अनुमोदन और एमआरपी का निर्धारण अब पूरी तरह ऑनलाइन हो चुका है। निगरानी को सख्त करने के लिए आसवनियों में सीसीटीवी कैमरों के साथ-साथ डिजिटल अल्कोहलोमीटर और मास फ्लो मीटर लगाए गए हैं। मदिरा के परिवहन को सुरक्षित बनाने के लिए टैंकरों में डिजिटल लॉक और जीपीएस अनिवार्य कर दिया गया है।

    शराब माफिया पर प्रहार: 79,990 केस दर्ज और हजारों गिरफ्तारियां

    जनसुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने अवैध शराब के खिलाफ इस साल प्रदेशव्यापी अभियान चलाया। आंकड़ों के अनुसार:

    कार्रवाई: अवैध शराब और तस्करी के विरुद्ध कुल 79,990 अभियोग दर्ज किए गए।

    बरामदगी: छापेमारी के दौरान 20.86 लाख लीटर अवैध मदिरा जब्त की गई।

    गिरफ्तारी: अवैध कारोबार में शामिल 15,085 लोगों को पकड़ा गया, जिनमें से 2,755 गंभीर अपराधियों को सलाखों के पीछे भेजा गया। नागरिकों की सुविधा के लिए टोल-फ्री नंबर 14405 और 'यूपी एक्साइज सिटीजन ऐप' के जरिए निगरानी तंत्र को और मजबूत किया गया है।

    राजस्व का नया कीर्तिमान: ₹35,144 करोड़ की रिकॉर्ड प्राप्ति

    नई नीति का सबसे सकारात्मक असर प्रदेश के खजाने पर पड़ा है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के नवंबर माह तक आबकारी विभाग ने 35,144.11 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 15.59 प्रतिशत अधिक है। महज आठ महीनों में सरकार को 4,741.77 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिला है, जो दर्शाता है कि चोरी रुकने से सरकारी आय में भारी वृद्धि हुई है।

    एथेनॉल हब बना यूपी: ₹35,000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव

    उत्तर प्रदेश अब देश में एथेनॉल सप्लाई का सबसे भरोसेमंद केंद्र बनकर उभरा है।

    उत्पादन: इस साल 182 करोड़ लीटर एथेनॉल का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है।

    निवेश: 'इन्वेस्ट यूपी' के माध्यम से अब तक 140 समझौते साइन हुए हैं, जिनके तहत 35,378 करोड़ रुपये के निवेश की प्रक्रिया जारी है।

    रोजगार: वर्तमान में संचालित 35 प्रोजेक्ट्स में 4,045 करोड़ का निवेश धरातल पर उतर चुका है, जिससे 5,000 से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है। साथ ही, 56 नए प्रोजेक्ट्स 'रेडी-टू-लॉन्च' मोड में हैं, जो भविष्य में हजारों नई नौकरियां पैदा करेंगे।

    योगी सरकार के इन संरचनात्मक सुधारों ने आबकारी विभाग को केवल राजस्व का जरिया नहीं, बल्कि प्रदेश के औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन का एक प्रमुख स्तंभ बना दिया है। 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' के कारण वैश्विक निवेशकों का भरोसा अब उत्तर प्रदेश के शराब और अल्कोहल उद्योगों पर लगातार बढ़ रहा है।