UP News: समाज कल्याण विभाग के हॉस्टल कर्मियों की बल्ले-बल्ले, मानदेय में जबरदस्त बढ़ोतरी
समाज कल्याण विभाग ने स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से संचालित सहायता प्राप्त छात्रावासों एवं पुस्तकालयों में कार्यरत कर्मचारियों के मानदेय में चार गुणा बढ़ोतरी की है। नई व्यवस्था के तहत अधीक्षक-प्रबंधक का मानदेय तीन हजार से बढ़ाकर 12661 कर दिया गया है। पुस्तकालयाध्यक्ष का मानदेय दो हजार से बढ़ाकर 12661 कर दिया गया है। मानदेय श्रम विभाग द्वारा निर्धारित मानकों शर्तों और प्रतिबंधों के तहत लागू किया गया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। अनुसूचित जाति, जनजाति और विमुक्त जातियों के सामाजिक और शैक्षणिक विकास को मजबूती देने की दिशा में समाज कल्याण विभाग ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विभाग ने स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से संचालित सहायता प्राप्त छात्रावासों एवं पुस्तकालयों में कार्यरत कर्मचारियों के मानदेय में चार गुणा बढ़ोतरी की है।
नई व्यवस्था के तहत अधीक्षक-प्रबंधक का मानदेय तीन हजार से बढ़ाकर 12,661 कर दिया गया है। पुस्तकालयाध्यक्ष का मानदेय दो हजार से बढ़ाकर 12,661, रसोइया और कहार का मानदेय तीन हजार से बढ़ाकर 11,303 और सफाई कर्मचारी-चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का मानदेय 1,500 से बढ़ाकर 10,275 कर दिया गया है। मानदेय श्रम विभाग द्वारा निर्धारित मानकों, शर्तों और प्रतिबंधों के तहत लागू किया गया है।
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, यह निर्णय लंबे समय से लंबित था और वर्तमान समय की महंगाई और आवश्यकताओं को देखते हुए यह बढ़ोतरी जरूरी हो गई थी। इससे कर्मचारियों को न सिर्फ बेहतर जीवन स्तर मिल सकेगा बल्कि वे अपने कार्यस्थलों पर अधिक समर्पण और निष्ठा के साथ काम कर सकेंगे। समाज कल्याण विभाग वर्तमान में कुल 32 सहायता प्राप्त संस्थानों का संचालन कर रहा है, जो स्वैच्छिक संस्थाओं के माध्यम से संचालित होते हैं।
इन छात्रावासों और पुस्तकालयों का मुख्य उद्देश्य दूर-दराज और वंचित इलाकों में रहने वाले अनुसूचित जाति, जनजाति और विमुक्त जातियों के बच्चों को शिक्षा के लिए आवासीय सुविधा, पुस्तकालय और आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना है।
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