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    CM Yogi से मुलाकात करेंगे यूपी के पूर्व विधायक, इन मांगों पर होगी चर्चा

    Updated: Thu, 05 Dec 2024 08:26 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेंगे। वे उत्तर प्रदेश संसदीय संस्थान के लिए लखनऊ में भूखंड और 5 लाख ...और पढ़ें

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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ - फाइल फोटो ।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश के पूर्व विधायक जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर उन्हें अपनी मांगों से अवगत कराएंगे। साथ ही उत्तर प्रदेश संसदीय संस्थान के भवन के लिए लखनऊ में भूखंड उपलब्ध कराने और संस्थान को संचालित करने के लिए पांच लाख रुपये का वार्षिक अनुुदान की मांग करेंगे। इस संदर्भ में पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री व संस्थान के अध्यक्ष डा.अम्मार रिजवी ने बताया कि पूर्व विधायक प्रदेश के विकास में अपनी सक्रिय भागीदारी निभाना चाहते हैं। सरकार को उनके अनुभव का लाभ लेना चाहिए।

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    गुरुवार को विधान भवन के द्वितीय तल पर स्थित कमेटी कक्ष में उत्तर प्रदेश संसदीय संस्थान की बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में पूर्व विधायकों की भूमिका आवश्यक है। जिला व राज्य प्रशासन द्वारा समाज सेवा के कार्यों में लगे पूर्व विधायकों का संज्ञान न लिया जाना चिंता का विषय है। लोगों की समस्याओं को लेकर पूर्व विधायकों को लखनऊ एवं दिल्ली जाना पड़ता है। इसलिए दिल्ली व लखनऊ में स्थित सरकारी अतिथि गृहों में उनके प्रवास की सुविधा को सरल बनाने की आवश्यकता है।

    क्या बोले संसदीय संस्थान के सचिव व पूर्व एमएलसी? 

    संसदीय संस्थान के सचिव व पूर्व एमएलसी हरीश वाजपेयी ने बताया कि बैठक में विधान सभा और विधान परिषद के पूर्व सदस्यों की मासिक पेंशन की राशि बढ़ाए जाने, पूर्व विधायकों को मिलने वाले यात्रा भत्ता को एक लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपये किए जाने, डीजल या पेट्रोल के लिए अलग से पचास हजार रुपये दिए जाने की मांग पर भी चर्चा हुई।

    साथ ही जिला विकास योजनाओं की बैठकों में पूर्व विधायकों की भागीदारी सुनिश्चित कराने, पूर्व विधायकों के वाहनों पर वसूले जा रहे टोल टैक्स को माफ किए जाने की भी मांग भी उठाई गई। पूर्व विधायकों ने यह मांग भी की कि उन्हें एसजीपीजीआइ व लोहिया संस्थान सहित सभी बड़े अस्पतालों में निशुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। बैठक में यह मांग भी उठाई गई कि पूर्व विधायकों को मुख्यमंत्री से मिलने के लिए सप्ताह में एक दिन का समय निर्धारित किया जाए व उनकी शिकायतों को हल करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में एक विशेष कार्याधिकारी की तैनाती की जाए।

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