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    योगी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में कर्ज माफी पर फैसला संभव

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Sun, 02 Apr 2017 11:55 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार की पहली कैबिनेट बैठक मंगलवार को लघु व सीमांत किसानों के फसली ऋण माफ करने का प्रस्ताव जैसे कुछ महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है।

    योगी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में कर्ज माफी पर फैसला संभव

    लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की अध्यक्षता में भाजपा सरकार की पहली कैबिनेट बैठक मंगलवार शाम पांच बजे लोकभवन में होगी। इस बहुप्रतीक्षित बैठक में कुछ महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लग सकती है। लघु व सीमांत किसानों के फसली ऋण माफ करने का प्रस्ताव इस बैठक में आएगा। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से लेकर सभी बड़े नेताओं ने चुनाव के दौरान यह वायदा किया था कि सरकार बनने पर पहली कैबिनेट बैठक में लघु और सीमांत किसानों के फसली ऋण माफ करने का फैसला किया जाएगा। 

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    राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने रविवार को कैबिनेट बैठक की तारीख और समय की पुष्टि की। योगी सरकार के शपथ लेने के पखवारे भर से ज्यादा समय बीतने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक होने जा रही है। अब तक कैबिनेट की बैठक न हो पाने की वजह से विपक्ष की ओर से भी सवाल उठने लगे थे। इस बैठक में किसानों के हित में संकल्प पत्र में घोषित किये गए कई प्रस्ताव आ सकते हैं। लघु और सीमांत किसानों के फसली ऋण माफ करने के लिए राज्य सरकार को तकरीबन 62 हजार करोड़ रुपये की दरकार होगी। इस भारी-भरकम आर्थिक बोझ से निपटने के लिए सरकार कई विकल्पों पर विचार कर रही है जिनमें बैंकों और वित्तीय संस्थाओं कर्ज लेने का विकल्प प्रमुख है।

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    राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंध अधिनियम (एफआरबीएम एक्ट) के तहत किसी वित्तीय वर्ष में राज्य सरकार के लिए कर्ज लेने की अधिकतम सीमा तय है। किसानों की ऋण-माफी के वादे को निभाने के लिए राज्य सरकार को अतिरिक्त कर्ज की जरूरत होगी। अतिरिक्त ऋण लेने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र से अनुरोध किया था कि वह उसे बंध पत्रों की धनराशि तथा उस पर लगने वाले ब्याज को एफआरबीएम एक्ट के तहत निर्धारित ऋण सीमा से बाहर रखने की मंजूरी दे। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को इस बाबत कुछ सहूलियतें देने पर सहमति जतायी है। इसके अलावा किसानों के कर्जमाफी के फलस्वरूप माफ की गई धनराशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा बैंकों को करने के विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अनुदान संख्या-32 के तहत ट्रांसफर-टू-स्टेट मद से सहयोग प्राप्त करने पर भी सरकार गौर ïफरमा रही है। किसानों की कर्जमाफी के लिए कोई कट ऑफ डेट तय किये जाने का बिंदु भी इस प्रस्ताव का हिस्सा है। संकेत यह भी हैं कि कई विकल्पों के समन्वय से एक कॉमन फार्मूला भी तैयार किया गया है। 

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    शासन स्तर पर एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स के गठन की तैयारी भी जोर-शोर से चल रही थी। मुख्य सचिव की अध्यक्षता और प्रमुख सचिव राजस्व के संयोजन में राज्य स्तर और फिर मंडल, जिला और तहसील स्तर पर यह फोर्स गठित करने का मसौदा बन चुका है जिसे बैठक में मंजूरी मिल सकती है। समूह ग और घ की सरकारी नौकरियों में साक्षात्कार की व्यवस्था समाप्त करने तथा महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित भी कई प्रस्ताव इस बैठक में लाने की तैयारी चल रही है। 

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