उत्तर प्रदेश में अब बिना बिल नहीं मिलेगा बजट! केंद्र सरकार की नई योजना से हड़कंप
लखनऊ केंद्रीय योजनाओं के बजट आवंटन में बदलाव किया गया है। अब कार्यदायी संस्था द्वारा बिल प्रस्तुत करने पर ही धनराशि दी जाएगी। एसएनए स्पर्श प्रणाली लागू की गई है जिससे योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। पहले धनराशि विभागों के खाते में अनावश्यक रूप से पड़ी रहती थी। इस नई व्यवस्था से वित्तीय अनुशासन बना रहेगा और सरकार के खजाने में धनराशि बनी रहेगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। केंद्रीय योजनाओं में विकास कार्यों का बजट अब पहले से विभागों के खाते में अनावश्यक नहीं पड़ा रहेगा। भारत सरकार ने इस व्यवस्था में बदलाव करते हुए काम करने वाली कार्यदायी संस्था द्वारा बिल प्रस्तुत किए जाने पर ही योजना की धनराशि देने का नियम लागू किया है।
इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में वित्तीय अनुशासन के साथ ही केंद्र व राज्य सरकार के खजाने में हर समय अच्छी खासी धनराशि बनी रहेगी।
इसके लिए केंद्र सरकार ने एसएनए स्पर्श प्रणाली लागू किया है। जिसके तहत केंद्र प्रायोजित योजनाओं की धनराशि सही समय पर ही विभागों को हस्तांतरित की जाएगी। इसका उद्देश्य योजनाओं के कार्यान्वयन में दक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।
अब तक योजनाओं की धनराशि पहले ही केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संबंधित विभाग को दे दिए जाने की व्यवस्था रही है। जिससे काम नहीं होने की दशा में धनराशि अनावश्यक रूप से विभागों के खाते में पड़ी रहती थी। जैसे-जैसे कार्य होता है कार्यदायी संस्था के बिल के आधार पर विभाग भुगतान करते रहे हैं।
नई व्यवस्था के तहत अब केंद्र व राज्य सरकारें योजनाओं की धनराशि विभाग को तभी देंगी जब कार्यदायी संस्था द्वारा बिल भुगतान के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। बिल मिलने के बाद ही सरकारें विभाग को धनराशि हस्तांतरित करेंगी जिससे तत्काल ही यह धनराशि कार्यदायी संस्था को दे दिया जाएगा। जितना काम होगा उतना ही बजट सरकारों के खजाने से बाहर निकलेगा।
सोमवार को एसएनए (स्पर्श) पर विभागों की कार्यशाला का आयोजन लखनऊ में किया गया है। इस कार्यशाला में भारत सरकार के अधिकारी बजट आवंटन की इस नई व्यवस्था के बारे में विभागीय अधिकारियों को विस्तार से बताएंगे।
वित्त विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक भारत सरकार की 67 योजनाओं में से 28 योजनाओं के बजट आवंटन में नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। शेष 39 योजनाओंं में यह व्यवस्था लागू की जानी है, जिसके लिए यह कार्यशाला आयोजित की गई है।
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