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    दो हजार फर्जी आयुष्मान कार्ड बनाकर सरकार को लगाया करोड़ों का चूना, कैफे संचालक समेत 7 गिरफ्तार, इन राज्यों तक फैला था नेटवर्क

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 02:00 AM (IST)

    आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का एसटीएफ ने भंडाफोड़ किया है। गिरोह का सरगना साइबर कै ...और पढ़ें

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    जागगरण संवाददाता, लखनऊ। आयुष्मान भारत–प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाइ) में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह का एसटीएफ ने गुरुवार को भंडाफोड़ किया है। गिरोह का सरगना साइबर कैफे संचालक निकला, जो अपने साथियों के साथ मिलकर अपात्र लोगों के जाली आयुष्मान कार्ड बनवाता और इलाज के नाम पर उनसे रकम ऐंठता था एसटीएफ ने गोमतीनगर विस्तार के खरगापुर इलाके से सरगना समेत सात आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से बड़ी मात्रा में डिजिटल उपकरण, जाली दस्तावेज और नकदी बरामद हुई है।

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    एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि गिरोह ने दो हजार से अधिक फर्जी आयुष्मान कार्ड बनवाए, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। गिरोह के अन्य सदस्यों और नेटवर्क की कड़ियां जोड़ने के लिए तीन टीमें गठित की गई हैं, जिनकी जांच दिल्ली समेत अन्य राज्यों तक फैली हुई है।पूछताछ में सरगना चंद्रभान वर्मा ने बताया कि उसने वर्ष 2024 में खरगापुर में साइबर कैफे खोला था।

    पोस्टर से मिला फर्जीवाड़े का रास्ता

    बहन के इलाज के दौरान अस्पताल में आयुष्मान कार्ड बनवाने से जुड़े पोस्टर से उसे इस फर्जीवाड़े का रास्ता मिला। पोस्टर पर लिखे नंबर पर संपर्क करने पर उसे बताया गया कि अपात्र व्यक्ति का भी आयुष्मान कार्ड बन सकता है। इसके बाद उसने लोगों से छह हजार रुपये लेकर कार्ड बनवाने का धंधा शुरू किया। गिरोह के सदस्य एक ऐसे पोर्टल का इस्तेमाल करते थे, जिससे पात्र परिवार के मुखिया की ओटीपी को बाइपास कर अपात्र व्यक्ति के आधार से ओटीपी लेकर उसे फैमिली में एड कर दिया जाता था।

    इसके बाद कार्ड को इंप्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी के माध्यम से एप्रूवल दिलवाया जाता था। इस प्रक्रिया में बीमा टीपीए और अन्य एजेंसियों में तैनात कुछ कर्मचारियों की भूमिका भी सामने आई है, जो प्रति कार्ड तय रकम लेकर एप्रूवल कराते थे। जांच में यह भी सामने आया कि कुछ अस्पतालों में मिलीभगत के चलते फर्जी आयुष्मान कार्ड की ठीक से जांच नहीं होती थी, जिससे लंबे समय तक यह खेल चलता रहा। हालांकि एक कार्ड पकड़े जाने के बाद मामला एसटीएफ तक पहुंचा और पूरे गिरोह का पर्दाफाश हो गया।

    ये गिरफ्तार

    प्रतापगढ़ के पट्टी स्थित किठौली जलालपुर निवासी सरगना चंद्रभान वर्मा, बाराबंकी निवासी राजेश मिश्रा, सुजीत कनौजिया, सौरभ मौर्या, गाजीपुर जिला के परसपुरा निवासी विश्वजीत सिंह, लखनऊ निवासी रंजीत सिंह और इटावा के सैफई स्थित हरनाथ निवासी अंकित यादव हैं। इनके पास से 12 मोबाइल, पांच लैपटाप, 129 लोगों के फर्जी दस्तावेज, 70 जाली आयुष्मान कार्ड, 22 एटीएम कार्ड, नकदी और एक कार बरामद की गई है। एसटीएफ अब इस फर्जीवाड़े से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी है।