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    UP: सेवा नियमावली संशोधन पर बवाल, सहकारी कर्मचारी बोले- बिना प्रतिनिधित्व नहीं मानेंगे

    By Jagran NewsEdited By: Sakshi Gupta
    Updated: Wed, 28 May 2025 02:52 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के सहकारिता विभाग में सेवा नियमावली में संशोधन की तैयारी है जिसका कर्मचारी विरोध कर रहे हैं। सहकारी महासंघ ने समितियों में कर्मचारी संगठनों को प्रतिनिधित्व देने की मांग की है। ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। जून में कर्मचारी संगठनों की बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी और शासन स्तर पर वार्ता विफल होने पर आंदोलन शुरू किया जाएगा।

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    सहकारिता सेवा की नियमावलियों में संशोधन के विरोध में उतरे कर्मचारी।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सहकारिता विभाग में सेवा नियमावलियों में संशोधन करने की तैयारी चल रही है। प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए प्रशासनिक और सलाहकार समिति के गठन के प्रारूप को मंजूरी दी जा चुकी है।

    इधर, कर्मचारियों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। सहकारी महासंघ ने समितियों में कर्मचारी संगठनों को भी प्रतिनिधित्व देने की मांग की है और आंदोलन की चेतावनी दी है।

    मंगलवार को सहकारी ग्राम विकास बैंक मुख्यालय में विभाग के कर्मचारी संगठनों की बैठक हुई। सहकारिता राज्यमंत्री जेपीएस राठौर की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ कि उप्र सहकारी समिति अधिनियम-1965, उप्र सहकारी समिति नियमावली-1968, उप्र सहकारी कर्मचारी सेवा नियमावली 1975, लिपिक वर्गीय सेवा नियमावली-1977, उप्र सहकारी सेवा नियमावली- 1979, उप्र अधीनस्थ सहकारी सेवा नियमावली- 1979 आदि में वर्तमान समय के अनुसार तैयार की जाएगी।

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    निर्णय लिया गया कि किसी भी सहकारी संस्था को बंद करने की कोशिश का एकजुट होकर विरोध किया जाएगा। जून में सभी कर्मचारी संगठनों की बैठक लखनऊ में बुलाई जाएगी और मांगों को लेकर न्यूनतम साझा कार्यक्रम तय किया जाएगा। शासन स्तर पर वार्ता में नतीजा न निकलने पर महासंघ के बैनर तले आंदोलन शुरू किया जाएगा।