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    UP News: पूर्व विधायक विनय तिवारी के 10 ठिकानों पर ED की छापेमारी, फर्जी कंपनियों-संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज कब्जे में लिए गए

    Updated: Fri, 23 Feb 2024 09:34 PM (IST)

    ईडी ने जनवरी 2021 में विनय व अन्य के विरुद्ध प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की थी।ईडी ने 72.08 करोड़ रुपये की जो संपत्ति ...और पढ़ें

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    सूत्रों के अनुसार छापेमारी में कई फर्जी कंपनियों व संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 754.24 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड के मामले में बसपा के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी व उनके करीबियों के पांच शहरों में स्थित 10 ठिकानों पर शुक्रवार सुबह छापे मारे और देर रात छानबीन की। ईडी की टीमों ने लखनऊ में पांच, नोएडा में दो और गोरखपुर, गुरुग्राम व अहमदाबाद में एक-एक ठिकानें पर छापेमारी की।

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    सूत्रों के अनुसार इस दौरान कई फर्जी कंपनियों व संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। जिनके आधार पर आगे की छानबीन की जा रही है। ईडी ने इससे पूर्व नवंबर, 2023 में विनय शंकर व उनके कुनबे की 72.08 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं।

    पूर्व विधायक की कंस्ट्रक्शन कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज के नाम वर्ष 2012 से 2016 के बीच सात बैंकों के कंसोर्टियम से 1129.44 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट ली गई थी। आरोप था कि बड़ी रकम को दूसरी कंपनियाें में डायवर्ट किया गया था। जिससे बैंकों को 754.24 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। कंसोर्टियम को लीड करने वाले बैंक आफ इंडिया की जांच में 31 प्रमोटर और गारंटर का भूमिका भी सामने आई थी। मामले में पहले दिल्ली सीबीआइ ने केस दर्ज किया था और विनय शंकर तिवारी व उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी भी की थी।

    ईडी ने 2021 में व‍िनय के खि‍लाफ दर्ज क‍िया था केस   

    ईडी ने जनवरी 2021 में विनय शंकर तिवारी व अन्य के विरुद्ध प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। ईडी ने 72.08 करोड़ रुपये की जो संपत्तियां जब्त की थीं, उनमें लखनऊ, गोरखपुर व महाराजगंज स्थित 27 संपत्तियां शामिल थीं। जांच में सामने आया है कि बैंक से ठगी गई रकम को फर्जी कंपनियों के माध्यम से डायवर्ट कर कई बेनामी संपत्तियां भी खरीदी गई थीं।

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