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    यूपी में तीन साल में 250 करोड़ की ड्रग्स जब्‍त, ANTF ने NCB के साथ मिलकर बढ़ाया कार्रवाई का दायरा

    Updated: Thu, 08 May 2025 08:44 PM (IST)

    यूपी में मादक पदार्थ तस्करों व अवैध शराब कारोबारियों की कमर तोड़ने के लिए गठित एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) इसे तोड़ने का प्रयास लगातार कर रही है। अब तक 20 बड़े गिरोह चिन्हित कर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के साथ मिलकर उन पर शिकंजा कसा जा रहा है। बीते लगभग तीन वर्ष में इस विशेष फोर्स ने प्रदेश में ढाई सौ करोड़ रुपये के मादक पदार्थ जब्त किए हैं।

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    यूपी में प‍िछले तीन साल में 250 करोड़ की ड्रग्स जब्‍त।- सांकेत‍िक तस्‍वीर

    आलोक मिश्र, जागरण। सबसे बड़ी आबादी वाले उत्तर प्रदेश में नशे के काराेबार का बड़ा नेटवर्क है। मादक पदार्थ तस्करों व अवैध शराब कारोबारियों की कमर तोड़ने के लिए गठित एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) इसे तोड़ने का प्रयास लगातार कर रही है। अब तक 20 बड़े गिरोह चिन्हित कर नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के साथ मिलकर उन पर शिकंजा कसा जा रहा है। बीते लगभग तीन वर्ष में इस विशेष फोर्स ने प्रदेश में ढाई सौ करोड़ रुपये के मादक पदार्थ जब्त किए हैं।

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    नेपाल सीमा से लेकर म्यांमार व बांग्लादेश के रास्ते होने वाली मादक पदार्थों की तस्करी के तार प्रदेश से सीधे जुड़े रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ड्रग्स के इस काले कारोबार की कमर तोड़ने के लिए अगस्त, 2023 में स्पेशल टास्क फाेर्स (एसटीएफ) की तर्ज पर एएनटीएफ का गठन किया था, जिसकी आठ यूनिट स्थापित की जा चुकी हैं।एएनटीएफ की अब तक की छानबीन में सामने आया है कि नेपाल व भूटान से लेकर उड़ीसा, छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों से गांजा, चरस, अफीम, हेरोइन व पोस्ता की बड़े पैमाने में तस्करी उत्तर प्रदेश में की जा रही है। यहां से दिल्ली, हरियाणा व पंजाब में सप्लाई का अलग चैनल भी है।

    नशे के कारोबार के आगरा, आजमगढ़, वाराणसी, लखनऊ, बाराबंकी, प्रयागराज, बरेली, अलीगढ़ व मीरजापुर बड़े केंद्र हैं। अब सिंथेटिक ड्रग का बढ़ता चलन भी जांच एजेंसियों के लिए नई चुनौतियां लेकर सामने आया है। एक अधिकारी के अनुसार एएनटीएफ ने वर्ष 2023 में लगभग 12 हजार किलो मादक पदार्थ जब्त किए थे। यह कार्रवाई बढ़ी और वर्ष 2024 में 13 हजार किलो से अधिक मादक पदार्थ जब्त किए गए। इस वर्ष अब तक एएनटीएफ ने चार हजार किलो से अधिक मादक पदार्थ जब्त करने में कामयाबी हासिल की है। बीते दो वर्षाें में विभिन्न जिलों में दो लाख किलो से अधिक मादक पदार्थ नष्ट भी कराए गए।

    आंकड़ों से साफ है कि मादक पदार्थों की सप्लाई लगातार बढ़ रही है। डीजीपी प्रशांत कुमार का कहना है कि विभिन्न सड़क मार्गों के अलावा ट्रेन के माध्यम से तस्कर मादक पदार्थों की सप्लाई प्रदेश में करते हैं। इन पर शिकंजा कसने के लिए एएनटीएफ अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर अभियान के तहत कार्रवाई कर रही है।

    तस्करों के कुछ खास रास्ते

    - उड़ीसा से गांजा उत्तर प्रदेश से हरियाणा तक सप्लाई होता है।

    - भूटान में होने वाला गांजा असम के रास्ते पूर्वी उत्तर प्रदेश भेजा जाता है।

    - नेपाल से चरस सीमावर्ती जिलों में पहुंचाई जाती है।

    - उत्तराखंड से रेल के जरिए उत्तर प्रदेश व हरियाणा में अफीम व चरस की सप्लाई।

    - झारखंड व मध्य प्रदेश से सड़क तथा रेल मार्ग दोनों से होती है तस्करी।

    - म्यांमार व बांग्लादेश से आने वाली अफीम व हेरोइन पश्चिम बंगाल के रास्ते उत्तर प्रदेश तक आती है।

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