UP News: प्रदेशभर में जल्द शुरू होगा मोबाइल क्लीनिक, फ्री में मिलेगा इलाज, यहां जानें कैसे काम करेगा ये पोर्टल
Uttar Pradesh News डा. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय सुदूर क्षेत्रों के लिए ‘मोबाइल क्लीनिक पुनर्वास सेवा’ के साथ आनलाइन पोर्टल की भी शुरुआत करने जा रहा है। इस एलआरआरसी पोर्टल पर लोगों को आनलाइन पंजीकरण कराना होगा। फिर मोबाइल क्लीनिक के विशेषज्ञों की टीम मौके पर जाकर शिविर लगाकर उनका परीक्षण करेगी। इसके बाद उन्हें फ्री में सुविधा दी जाएगी।

अखिल सक्सेना, लखनऊ। कृत्रिम अंग से लेकर कैलीपर्स, ब्रेस सहित अन्य सहायक उपकरण के लिए लोगों को इधर-उधर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डा. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय सुदूर क्षेत्रों के लिए ‘मोबाइल क्लीनिक पुनर्वास सेवा’ के साथ आनलाइन पोर्टल की भी शुरुआत करने जा रहा है। इस एलआरआरसी पोर्टल पर लोगों को आनलाइन पंजीकरण कराना होगा। फिर मोबाइल क्लीनिक के विशेषज्ञों की टीम मौके पर जाकर शिविर लगाकर उनका परीक्षण करेगी।
इसके बाद उन्हें फ्री में सुविधा दी जाएगी। डा. शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय में वर्ष 2015 से कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केंद्र स्थापित है। यहां प्रदेश भर से रोजाना 10 लोग कृत्रिम अंग लगवाने से लेकर इससे जुड़ी अन्य समस्याओं के समाधान के लिए आते हैं।
पोर्टल से पता चलेगा केंद्र पर आने की तिथि और समय
केंद्र के कार्यशाला प्रबंधक डा. रणजीत कुमार ने बताया कि अभी तक लोग केंद्र पर मिलने वाली सुविधाओं के लिए सीधे आते हैं। कई बार उपकरण बनने में समय भी लगता है। लोगों को इंतजार न करना पड़े, इसके लिए कुलपति आचार्य संजय सिंह के निर्देशन में जल्द ही एलआरआरसी पोर्टल शुरू होने वाला है। पंजीकरण कराने वालों को एसएमएस के जरिए केंद्र पर आने की तिथि और समय दिया जाएगा। इसी पर उन्हें आगे का भी अपडेट मिलता रहेगा।
मोबाइल क्लीनिक ऐसे करेगी काम
जिन लोगों को भी कृत्रिम अंग से लेकर इससे जुड़ी कोई सुविधा की जरूरत होगी तो सबसे पहले उन्हें पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। इसकी सूचना केंद्र पर आ जाएगी। केंद्र तय करेगा कि कितने न्यूनतम पंजीकरण होने चाहिए। उसके बाद संबंधित लोगों को उनके क्षेत्र में मोबाइल क्लीनिक के आने का एसएमएस भेजा जाएगा। वहां परीक्षण कैंप लगाकर विशेषज्ञ लोगों की जांच कर उनकी आवश्यकता जानेंगे।
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इसके बाद लैब में यह उपकरण बनाकर ट्रायल कैंप उसी स्थान पर लगाकर मरीजों को उपकरण लगाकर देंगे। यदि कोई कमी हुई तो तीसरे शिविर में उन्हें यह सुविधा दी जाएगी। फालोअप भी उसी क्लीनिक से होगा।
उपकरण दुरुस्त करेगी मोबाइल लैब
डा. रणजीत कुमार ने बताया कि मोबाइल लैब शुरू करने की एक और योजना है। इसके तहत कृत्रिम अंग, प्रत्यंग जैसे कैलीपर्स, स्लिंट (हाथों के लिए), ब्रेस (रीढ़ की हड्डी सीधा करने या पैरालाइज मामले में सपोर्ट के लिए) आदि जो भी उपकरण दिए गए, यदि उनमें किसी को दिक्कत है तो उसे ठीक करने का काम मोबाइल लैब करेगी। यह सुविधा भी प्रदेश भर के लिए होगी।
जल्द ही एलआरआरसी पाेर्टल शुरू करेगा विवि
डा. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. रोहित सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय जल्द ही एलआरआरसी पोर्टल शुरू करेगा। इसमें पंजीकरण कराने पर लोगों से उनकी समस्या पूछकर समाधान भी बताया जाएगा। केंद्र पर बुलाने की तिथि व समय भी दिया जाएगा। इससे लोगों को काफी राहत मिलेगी।
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