सड़क कब्जे के आरोप में पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत 10 पर मुकदमा, साथ देने वाला इंस्पेक्टर लाइन हाजिर
लखनऊ के अहिमामऊ स्थित स्वास्तिका सोसाइटी में सड़क कब्जे के मामले में सुशांत गोल्फ सिटी थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह, ब्लाक प्रमुख के पति विनय सिंह, ...और पढ़ें

पूर्व सांसद का नाम लेकर जमीन कब्जा करने पहुंचे ब्लॉक प्रमुख पति विनय सिंह (वीडियो ग्रेव), धनंजय सिंह की फाइल फोटो।
जागरण संवाददाता, लखनऊ। अहिमामऊ स्थित स्वास्तिका सोसाइटी में सड़क कब्जे के मामले में सुशांत गोल्फ सिटी थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह, ब्लाक प्रमुख के पति विनय सिंह, सरकारी गनर समेत दस लोगों पर 11 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं, कब्जे में साथ देने वाले इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह को पुलिस आयुक्त ने लाइन हाजिर कर दिया। मामले में कार्रवाई के लिए प्रभारी मंत्री ने फोन कर कहा था, लेकिन इंस्पेक्टर ने किसी की नहीं सुनी और वादी पर एकतरफा कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कर दिया था। पूरे मामले की जांच एसीपी गोसाईगंज को सौंपी गई है।
पीड़ित कौशल तिवारी ने बताया कि वह परिवार के साथ अहिमामऊ स्थित स्वास्तिका सिटी में रहते हैं। उनके बगल में विनय सिंह की ब्लाक प्रमुख पत्नी मांडवी सिंह ने करीब 4500 वर्गफुट जमीन खरीदकर मकान बनाया है। बैनामे में दक्षिण दिशा में 20 फीट चौड़ी सड़क दर्शाई गई है, जो पिछले करीब 20 वर्षों से डामर रोड के रूप में कालोनी के मुख्य मार्ग के तौर पर उपयोग में है। इसी सड़क को बंद कर मकान में मिलाने के उद्देश्य से विनय सिंह द्वारा कब्जे का प्रयास किया जा रहा था।
आरोप है कि 29 दिसंबर की शाम करीब चार बजे विनय सिंह अपने सरकारी गनर विपुल यादव, निजी रायफलधारी सौरभ सिंह उर्फ सोनू और दस अज्ञात असलहाधारी लोगों के साथ पहुंचे और ईंट की दीवार खड़ी कर सड़क बंद करने लगे। कालोनीवासियों ने विरोध किया, तो जान से मारने की धमकी दी गई। इस दौरान महिलाओं और बच्चों में दहशत फैल गई।
पीड़ितों का कहना है कि विनय सिंह खुद को पूर्व सांसद धनंजय सिंह का रिश्तेदार बताते हुए मोबाइल पर उनसे बात कराकर धमकी दिलवाते रहे, जिसका वीडियो भी मौजूद है। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि विरोध करने पर रामू नामक युवक के साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए मारपीट की गई, जिससे वह बेहोश हो गया।
आरोप है कि आरोपित लाइसेंसी रायफल मंगवाने की बात कहकर लोगों को दौड़ाते रहे। कालोनीवासियों का कहना है कि दबंगों के डर से लोग सहमे हुए हैं और पुलिस भी पहले दबाव में कोई कार्रवाई नहीं कर रही थी। इसके साथ ही मामले का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। मंगलवार को कालोनीवासियों ने पुलिस आयुक्त से मिलकर शिकायत की। पहले उन्होंने इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह को लाइन हाजिर करते हुए एसीपी को जांच सौंपी। साथ ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत अन्य पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया।
कफ सीरप मामले से चर्चे में आई थी सोसाइटी
स्वास्तिका सोसाइटी में नशे में इस्तेमाल होने वाली कफ सीरप की तस्करी करने वाले सरगना एसटीएफ के बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह की दस हजार स्क्वॉयर फीट की कोठी है। ठीक उसी के सामने धनंजय सिंह की कोठी है। इस मामले में आलोक सिंह के मकान का नक्शा तक एलडीए से पास नहीं है।
कई मामलों में चल रही जांच, पुलिस आयुक्त ने नहीं की कार्रवाई
इंस्पेक्टर उपेंद्र सिंह तैनाती के बाद से ही मनमानी करने के लिए चर्चे में रहे हैं। ऊंची पहुंच का हवाला देते थे। उनकी मनमानी की कई लोगों ने शिकायत की। यही नहीं उनके उच्चाधिकारी भी परेशान थे, लेकिन पुलिस आयुक्त ने कार्रवाई तक नहीं की। कई जांच मौजूदा समय में चल रही है। उनपर भी कोई सुनवाई नहीं हुई थी।
चौकी इंचार्ज की भूमिका की हो रही जांच
पुलिस उपायुक्त दक्षिणी निपुण अग्रवाल ने बताया कि कौशल तिवारी पर दर्ज मुकदमे की जांच थाने से की जा रही है। वहीं, इस मुकदमे की जांच एसीपी को सौंपी गई है। साथ ही स्थानीय चौकी इंचार्ज की भूमिका की भी जांच की जा रही है। अगर उसकी मिलीभगत पाई जाती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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