डिप्टी सीएम को गिफ्ट में मिला नीला ड्रम, बोले- यह बहुत काम का है बस उल्टा मत सोचो
लखनऊ में हास्य कवियों ने अपनी रचनाओं से सभी को गुदगुदाया। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और महापौर सुषमा खर्कवाल को उपहार में नीला ड्रम और हार्पिक दिए जाने पर सभी ठहाके लगाने लगे। हास्य कवियों ने राजनीति से लेकर सामाजिक मुद्दों तक हर विषय पर चुटीले व्यंग्य कसे। इस कार्यक्रम में कई हास्य कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं और सभी को हंसाने में कामयाब रहे।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। डाॅ. राम मनोहर लोहिया पार्क मंगलवार की रात ठहाकों से गूंज उठा। यहां राजनीति से लेकर सामाजिक मुद्दों तक, हर विषय पर चुटीले व्यंग्य कसे गए।
उपहार में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को ‘नीला ड्रम’ और महापौर सुषमा खर्कवाल को ‘हार्पिक’ भेंट किए जाने पर तो ठहाकों की बरसात ही हो गई। हास्य दिवस पर आयोजित ‘लंतरानी हास्य उत्सव’ में हास्य कवियों ने अपनी रचनाओं से सभी को गुदगुदाया। वहीं, अतिथियों को मिले उपहार और उस पर उनकी टिप्पणी ने ठहाके लगाने के लिए विवश कर दिया।
महापौर को जब वॉशरूम क्लीनर भेंट किया गया और इस पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘सफाई अभियान में यह भी एक योगदान है।’ वहीं, पूर्व मंत्री स्वाति सिंह को जब आईना मिला तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘नेता का काम आईना दिखाना होता है।’
जब उनसे पूछा गया कि क्या उनकी पार्टी ने भी उन्हें आईना दिखाया है, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, ‘हमारी पार्टी विपक्ष को आईना दिखाने का काम करती है।’
उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक को जब ‘नीला ड्रम’ भेंट किया गया तो उन्होंने पहले नीले ड्रम के संदर्भ की चर्चा करते हुए कहा कि जिस घटना से इसे जोड़ा गया वह निंदनीय है। पति पत्नी के रिश्ते में बंटवारा नहीं होता। यह घटना सीख देगी फिर मजाकिया अंदाज में कहा, ‘यह बहुत काम का है, इसमें काफी सामान रखा जा सकता है। ठंडी बोतलें, स्टूल, ढोलक- कुछ भी बना लो। बस उल्टा मत सोचो’!
वहीं, उद्यान विपणन मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को उपहार में ‘कटहल’ मिला तो उन्होंने कहा कि यह पोषण के लिए अच्छा है। उपहार और टिप्पणियों का दौर थमा तो हास्य कवियों ने मंच संभाला।
राजस्थान से आए कवि पार्थ नवीन ने सुनाया, ‘ इंग्लिश वाले हैं, इंडियन की बात करते हैं, जमते तो हैं नहीं, मिलियन की बात करते हैं।’ एक और कविता में कहा ‘उड़ते रहो हवाओं में कपूर की तरह, बजते रहो संतूर की तरह, एंजॉय करिए शशि थरूर की तरह’।
कोई कबाड़ी वाला मिले तो बताना जरा
पुणे से आए दिलीप शर्मा ने सुनाया, ‘कोई कबाड़ी वाला मिले तो बताना जरा, कई पुरानी रंजिशें बेचनी है मुझे।’ बाराबंकी से आए कवि विकास बौखल ने सुनाया ‘सारी दुनिया को चलो प्यार से जोड़ा जाए… प्यार के रोग को आधार से जोड़ा जाए।’
शिखा श्रीवास्तव की पंक्तियां रहीं, ‘वंदना मेरे मन में मचलती रहे, गीत बन के यूं ही निकलती रहे, इस अंधेरे में अब रोशनी के लिए, ये शिखा रात भर यूं जलती रहे।’ मुकेश महान और अरुण जैमिनी ने अपनी रचनाओं से हंसाया।
अरुण जैमिनी को लंतरानी सम्मान मिला। मुकेश बहादुर सिंह को ‘जोरू का गुलाम’ सम्मान दिया गया। हास्य कवि सर्वेश अस्थाना की हाजिर जवाबी और संचालन हर किसी को खूब पसंद आया।
‘शादीशुदा अधिक खुश रहते हैं’
सर्वेश अस्थाना ने उप मुख्यमंत्री से पूछा, शादीशुदा और कुंवारे में कौन अधिक खुश है? उपमुख्यमंत्री ने जवाब दिया शादीशुदा। अगला सवाल रहा, अगर सड़क पर 500 और 100 का नोट गिरा हो, पहले कौन उठाएंगे?
उप मुख्यमंत्री बाेले पहले इधर-उधर देखेंगे, फिर उठाकर पूछेंगे ये किसका है! लव मैरिज और अरेंज मैरिज में क्या ठीक है? उन्होंने जवाब दिया जो माता पिता के पास लंबा अनुभव रहता है, उनकी राय जरूरी है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।