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    10 मार्च के बाद राज्‍यकर्मि‍यों को लगेगा बड़ा झटका, रुक सकता है वेतन; तुरंत कर लें ये जरूरी काम

    Updated: Fri, 28 Feb 2025 08:37 AM (IST)

    राज्य कर्मियों को संपत्ति का विवरण दर्ज कराने के लिए 10 मार्च तक का समय प्रदान कर दिया है। मानव संपदा पोर्टल पर संपत्ति का विवरण दर्ज करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी शुक्रवार को समाप्त हो रही थी। इसे गुरुवार को ही बढ़ा दिया गया। प्रदेश के अब तक 708588 कर्मियों यानी 85 प्रतिशत लोगों ने संपत्तियों की जानकारी ऑनलाइन दे दी है।

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    10 मार्च तक संपत्तियों का विवरण दे सकेंगे राज्‍यकर्मी।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मियों को संपत्ति का विवरण दर्ज कराने के लिए 10 मार्च तक का समय प्रदान कर दिया है। मानव संपदा पोर्टल पर संपत्ति का विवरण दर्ज करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी शुक्रवार को समाप्त हो रही थी। इसे गुरुवार को ही बढ़ा दिया गया।

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    प्रदेश के अब तक 7,08,588 कर्मियों यानी 85 प्रतिशत लोगों ने संपत्तियों की जानकारी ऑनलाइन दे दी है। कार्मिक विभाग के विशेष सचिव कुलदीप रस्तोगी ने गुरुवार को इसका शासनादेश भी जारी कर दिया है।

    अप्रैल में म‍िलेगा मार्च का वेतन

    सभी विभागों को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि तय समय में संपत्तियों का ब्योरा देने वालों को ही मार्च का वेतन अप्रैल 2025 में दिया जाएगा। विवरण न देने वालों का वेतन रोक दिया जाएगा।

    प्रदेश में हैं 8,29,819 राज्य कर्मचारी

    शासनादेश में कहा गया है कि प्रदेश में 8,29,819 राज्य कर्मचारी हैं। मानव संपदा पोर्टल पर पंजीकृत कर्मियों को अपनी संपत्तियों की जानकारी हर वर्ष ऑनलाइन देनी होती है। दिसंबर 2024 तक अर्जित संपत्तियों की जानकारी देने का आदेश कार्मिक विभाग ने दिया था।

    कर्मियों को राहत देने को बढ़ाई गई समय-सीमा

    संपत्ति का विवरण देने के लिए लगातार आदेश जारी किए जा रहे हैं। कर्मियों को राहत देने के लिए दूसरी बार समय-सीमा बढ़ाई गई है। इसके बाद जानकारी न देने वालों का वेतन अप्रैल में रोक दिया जाएगा।

    4,563 विद्यार्थियों ने छोड़ी संस्कृत बोर्ड परीक्षा

    लखनऊ। उप्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की परीक्षाएं गुरुवार से शुरू हो गईं। पूर्व मध्यमा द्वितीय (हाईस्कूल), उत्तर मध्यमा प्रथम (कक्षा 11) और उत्तर मध्यमा द्वितीय (कक्षा 12) की परीक्षाओं में कुल 56,649 विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होना था और इसमें से 4,563 विद्यार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी।

    अनिवार्य संस्कृत विषय की परीक्षा में यह छात्र शामिल नहीं हुए। परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाकर राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम से नकल रोकने को निगरानी किए जाने का ही असर है कि विद्यार्थियों ने परीक्षा छोड़ना ही बेहतर समझा। संस्कृत बोर्ड के सचिव शिवलाल ने बताया कि पहली पाली में कुल 44,274 विद्यार्थी पंजीकृत थे और इसमें से 40,132 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी।

    कंट्रोल रूम से की जा रही न‍िगरानी

    पहली पाली में 4,142 विद्यार्थी अनुपस्थित रहे। ऐसे ही दूसरी पाली में 12,375 विद्यार्थी परीक्षा के लिए पंजीकृत थे और इसमें से 11,954 छात्रों ने परीक्षा दी। दूसरी पाली में 421 विद्यार्थी अनुपस्थित रहे। माध्यमिक शिक्षा निदेशक के शिविर कार्यालय में यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए बनाए गए राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम के माध्यम से ही निगरानी की जा रही है।

    यही नहीं यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने के लिए तैनात किए गए सचल दस्ते और पर्यवेक्षकों की मदद भी संस्कृत बोर्ड परीक्षा में ली जा रही है।

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