Cardiac Arrest आने पर कितनी जल्दी CPR देकर बचाई जा सकती है जान, लखनऊ के डॉक्टर्स से जानें सही तरीका
सीपीआर (Heart Attack CPR) एक मिनट में 120 बार छाती को दबाकर हृदयाघात से मरीज को बचाने की तकनीक है। लखनऊ में प्रोफेसर डॉ. गौरव चौधरी ने गुरुवार को लोगों को प्रशिक्षित किया। आयोजन गुरुद्वारा नाका हिंडोला परिसर स्थित खालसा इंटर कॉलेज (Khalsa Inter College) सभागार में सीपीआर कार्यशाला का था। जानिए सीपीआर देने का सही तरीका और कब देना चाहिए सीपीआर।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। सांसों की टूटती डोर को संभालने के लिए दैनिक जागरण के अभियान हृदय की बात में मंगलवार को केजीएमयू (लारी कार्डियोलाजी) के प्रोफेसर डॉ. गौरव चौधरी ने गुरुवार को लोगों को प्रशिक्षित किया। आयोजन गुरुद्वारा नाका हिंडोला परिसर स्थित खालसा इंटर कॉलेज सभागार में सीपीआर कार्यशाला का था।
लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा, कार्यवाहक अध्यक्ष हरपाल सिंह जग्गी और कॉलेज के उप प्रधानाचार्य नीरज श्रीवास्तव समेत शिक्षकों और सिख समाज की मौजूदगी में प्रो. गौरव चौधरी ने विस्तार से जानकारी दी और उनके सवालाें के जवाब भी दिए। प्रो. चौधरी ने कहा कि पहले एक मिनट में 120 बार सीपीआर देकर हृदयाघात से मरीज को बचाया जा सकता है। इसके लिए आपको जानकारी होनी चाहिए।
सीपीआर हृदयाघात का प्राथमिक उपचार है। जब किसी को सांस लेने में परेशानी हो और वह बेहोश हो जाए तो सीपीआर देकर उसे अस्पताल पहुंचाया जा सकता है। पहले आठ मिनट ऐसा करके हम 20 से 30 प्रतिशत मरीजों को बचा सकते हैं। इसके साथ ही आपको एंबुलेंस की व्यवस्था करके मरीज को अस्पताल भी ले जाना है। सही जानकारी होने पर आप घर, समाज, सार्वजनिक स्थलों पर ऐसे लोगों की जान बचा सकते हैं।
सवाल-जवाब
प्रश्न: कभी-कभी मेरे सीने के पास दर्द होता है, क्या यह हृदय से संबंधित बीमारी तो नहीं है?- रुबी त्रिपाठी
उत्तर: जांच के बाद ही यह बताया जा सकता है, लेकिन आप टीएफटी जांच जरूर कराइए और फिर विशेषज्ञ को दिखाइए। हृदय रोग या हार्ट 0अटैक की कोई आयु सीमा नहीं है।
प्रश्न: हृदय घात से बचने के लिए खानपान में क्या सुधार लाया जा सकता है?- नीरज श्रीवास्तव
उत्तर: आलू, चीनी और चावल तीनों पर कंट्रोल करने वाले हार्ट की बामारी से बचा जा सकता है। इसके अलावा मानसिक तनाव दूर करने के लिए खुद को इंगेज रखना है, इससे काफी लाभ होगा और सीपीआर की जरूरत न के बराबर होगी।
प्रश्न: मरीज को सीपीआर कब देना चाहिए? -हरपाल सिंह जग्गी
उत्तर: जब मरीज अचेत अवस्था में हो और उसकी सांस और पल्स नहीं मिल रही है या फिर दोनों नहीं मिल रही है। इस समय सीपीआर देकर आप उसकी जान बचा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि सीपीआर का सही तरीका हो और अस्पताल ले जाने की व्यवस्था भी करना जरूरी है।
प्रश्न: कार्डियक अरेस्ट का कारण क्या होता है?- जसवीर सिंह
उत्तर: इसका सबसे बड़ा कारण हार्ट अटैक और हृदय की गति धीमी या तेज होना, शरीर में जहर का पहुंचना करंट लगना, शरीर में सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम की मात्रा बेहद कम या बहुत ज्यादा होना। इसके अलावा भी कई कारण हैं तो अटैक का कारण बनते हैं।
प्रश्न: हृदय को स्वस्थ्य रखने के लिए सबसे सरल तरीका क्या है? जिससे सीपीआर की जरूरत ही न पड़े? राजेंद्र सिंह बग्गा
उत्तर: चीनी, चावल व आलू खाने पर नियंत्रण के साथ ही कम से कम हर दिन आठ से 10 हजार कदम चलना चाहिए। रात का खाना आठ बजे तक खा लेना चाहिए। गांव में अभी भी यही होता है। रात में जल्दी सोना और सुबह जल्दी जगना। मेहनत से हृदय मजबूत होता है।
प्रश्न: क्या सीपीआर के लिए मेज या तखत जरूरी है?- जसपाल सिंह
उत्तर: ऐसा नहीं है, आप जमीन पर भी सीपीआर दे सकते हैं, लेकिन आप लिटाकर अपनी कोहनी और हाथों को सीधा रखें। छाती को सही तरह दबाना चाहिए।
इनका रखें ध्यान
- यदि व्यक्ति बेहोश है और सांस नहीं ले रहा है, या सामान्य रूप से सांस नहीं ले रहा है, तो सीपीआर शुरू करें।
- छाती पर दबाव डालना शुरू करें। अपने हाथ की एड़ी को उनकी छाती के बीच में रखते हुए, प्रति सेकंड की दो बार की दर से धीरे-धीरे और मजबूती से दबाव डालें।
- सीपीआर में शामिल चरणों को संक्षिप्त नाम डीआरएस एबीसीडी के माध्यम से याद किया जा सकता है।
- खतरे की जांच करें और आगे बढ़ने से पहले सुनिश्चित करें कि क्षेत्र सुरक्षित और खतरों से मुक्त है।
- रोगी की प्रतिक्रिया की जांच करें और देखें कि क्या वह सामान्य रूप से सांस ले रहे हैं।
- अगर मरीज प्रतिक्रिया नहीं कर रहा है तो आपातकालीन सेवाओं को काल करें।
- एंबुलेंस के आने तक आपको सीपीआर करना है। एक मिनट 120 बार छाती को सही तरीके से दबाएं।
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