Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लखनऊ में लापता बेटी को सिपाही ने परिवारीजनों से मिलाया

    By Amal ChowdhuryEdited By:
    Updated: Mon, 01 Jan 2018 10:32 AM (IST)

    शबनम के पिता राजकुमार ने बताया कि बेटी के लापता होने के बाद से वह लगातार उसकी खोजबीन कर रहे थे, वह बेटी के मिलने की आशा भी खो चुके थे।

    लखनऊ में लापता बेटी को सिपाही ने परिवारीजनों से मिलाया

    लखनऊ [विनय तिवारी]। 23 दिन से लापता शबनम से उसके पिता राजकुमार मिले तो आंखों से सिर्फ आंसुओं का सैलाब निकल रहा था। वह बेटी को गले से लगाकर फूट-फूटकर रोने लगे। यह मंजर देख आसपास खड़े लोग भी भावुक हो उठे। राजकुमार ने बेटी के बारे में जानकारी देने वाले कल्ली निवासी वन विभाग के सिपाही वीरेंद्र का आभार व्यक्त किया और बेटी को लेकर चले गए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जानकारी के मुताबिक नौ दिसंबर को शहीद पथ पर एक मानसिक मंदित किशोरी टहलती मिली थी। 181 हेल्पलाइन के कर्मचारियों ने किशोरी को एल्डिको उद्यान दो सीएफआइ संस्था के सिपुर्द कर दिया था। संस्था में देखरेख करने वाले ओवी पाल और उनकी पत्नी बिंसी किशोरी की देखरेख कर रहे थे। उन्होंने उसका इलाज कराया। करीब हफ्ते भर बाद बच्ची की हालात सामान्य हो सकी।

    इसके बाद उन्होंने बच्ची के परिवारीजनों और उसके निवास स्थान ओवी पाल ने बताया कि गत दिनों उनकी मुलाकात वन विभाग के सिपाही वीरेंद्र से हुई। वीरेंद्र ने बताया कि वह मेरठ के रहने वाले हैं। इस पर उन्होंने वीरेंद्र से किशोरी के घर और उसके परिवारीजनों का पता लगाने की गुजारिश की। वीरेंद्र ने किशोरी के गांव भीमनगर में रहने वाले अपने कुछ परिचितों को शबनम के बारे में जानकारी दी। पता चला कि शबनम भीमनगर गली नंबर दो की रहने वाली है।

    वीरेंद्र के परिचितों ने उसके पिता राजकुमार से मुलाकात कर उन्हें शबनम के बारे में बताया तो परिवारीजनों की खुशी का ठिकाना न रहा। वह घर संस्था पहुंचे और बेटी को देखकर फूट-फूटकर रोने लगे। बेटी को सही सलामत पाकर उनकी खुशी का ठिकाना न रहा।

    यह भी पढ़ें: लखनऊ के मदरसे में यौन शोषण के मामले के बाद अन्य पर कसेगा शिकंजा

    शबनम के पिता राजकुमार ने बताया कि बेटी के लापता होने के बाद से वह लगातार उसकी खोजबीन कर रहे थे। बेटी का कुछ पता नहीं चला वह बेटी के मिलने की आशा भी खो चुके थे। ऐसी स्थिति में बेटी मिली तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने सिपाही वीरेंद्र और संस्था के ओवी पाल और उनकी पत्नी बिंसी का आभार व्यक्त किया और कहा कि हमारे घर में खुशियां लौट आईं।

    यह भी पढ़ें: तैनाती के दो दिन बाद निलंबन जैसे रिकार्ड भी यूपी के नए डीजीपी के नाम