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    लखनऊ के मदरसे में यौन शोषण के मामले के बाद अन्य पर कसेगा शिकंजा

    By Amal ChowdhuryEdited By:
    Updated: Mon, 01 Jan 2018 10:16 AM (IST)

    एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि मदरसों के साथ राजधानी के अन्य शैक्षिक संस्थानों में भी पुलिस सत्यापन व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू की जाएगी।

    लखनऊ के मदरसे में यौन शोषण के मामले के बाद अन्य पर कसेगा शिकंजा

    लखनऊ (जागरण संवाददाता)। यासीनगंज स्थित मदरसा जामिया खदीजतुल कुबरा लिलबनात में छात्रओं के यौनशोषण के मामले को राजधानी पुलिस ने गंभीरता से लिया है। पुलिस राजधानी में चल रहे अन्य मदरसों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।

    सएसपी दीपक कुमार ने बताया कि अन्य मदरसों के संचालक व सभी कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन कराना अनिवार्य कर दिया जाएगा। जिससे उनके आपराधिक इतिहास के संबंध में भी जानकारी मिल सके। इसके अतिरिक्त महिला पुलिस मदरसों की छात्रओं से समय-समय पर अकेले में पूछताछ करेगी, अगर उन्हें कोई दिक्कत होगी तो शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। यासीनगंज स्थित मदरसा में शौनशोषण के आरोपित संचालक तैयब जिया की गिरफ्तारी के बाद से पुलिस हरकत में आई है।

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    सआदतगंज थाने की पुलिस के मुताबिक अब तक पांच छात्राओं ने छेड़खानी व एक ने दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराई है। सभी छात्राओं के अभी न्यायालय में 164 के बयान दर्ज होने हैं। इसके लिए उन्हें बुलाया गया है। घटना के बाद मदरसे की सभी 52 छात्रएं अपने परिवारीजनों के साथ घर चली गई थीं। गौरतलब है कि मदरसा संचालक तैयब जिया के खिलाफ छात्रओं की शिकायतें लगातार आ रही हैं।

    संचालक ने बदला था मदरसे का नाम, छात्रों को किया बाहर: पुलिस छानबीन में सामने आया कि मदरसा जामिया खदीजतुल कुबरा लिलबनात का नाम वर्ष 2010 से पहले दारुल उलूम अशरफिया मीनाइला था। मदरसा संचालक तैयब जिया ने जालसाजी करके नाम बदल दिया, वक्फ बोर्ड में मदरसे का पुराना नाम आज भी दर्ज है। करीब 12 वर्ष पूर्व मदरसे की स्थापना हुई थी। पहले यहां छात्र भी पढ़ते थे। मदरसे का नाम बदलने के बाद वर्ष 2010 में ही आरोपित संचालक ने छात्रों को यहां से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इसके बाद सिर्फ छात्राओं को ही तालीम दी जाती है।

    मदरसे की आड़ में यौन शोषण: छात्रों को तालीम देने की आड़ में मदरसा संचालक उनका यौन शोषण करने लगा, छात्रों को हटाने के बाद से ही छात्रओं का यौन शोषण होने लगा था। छात्र आरोपित संचालक की राह में बाधा न बनें इसीलिए उसने उनकी भर्ती पर ही रोक लगा दी थी।

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    अन्य शैक्षिक संस्थानों में भी सत्यापन होगा अनिवार्य: एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि मदरसों के साथ राजधानी के अन्य शैक्षिक संस्थानों में भी पुलिस सत्यापन व्यवस्था अनिवार्य रूप से लागू की जाएगी, जिससे सभी कर्मचारियों के संबंध में पता चल सकेगा कि कोई अपराधिक प्रवृत्ति का तो नहीं है। इसके साथ ही मदरसों के साथ अन्य शैक्षिक संस्थानों में भी छात्रओं से महिला पुलिस फीडबैक लेगी, अगर कोई छात्र किसी कर्मचारी या संचालक की शिकायत करेगी तो जांच के आधार पर कार्रवाई निश्चित होगी। इसके अलावा इनके कर्मियों का सत्यापन किया जाएगा।

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