यूपी में हिंसा फैलाने की रची जा रही थी साजिश, ATS ने मुजाहिदीन आर्मी के मास्टरमाइंड रजा को केरल से किया गिरफ्तार
लखनऊ में मुजाहिदीन आर्मी बनाकर हिंसा फैलाने की साजिश रचने वाले मास्टरमाइंड मुहम्मद रजा को एटीएस ने केरल से गिरफ्तार किया है। वह कट्टरपंथियों के गिरोह का सरगना है जो लोकतांत्रिक व्यवस्था को ध्वस्त कर शरीयत कानून लागू करना चाहता था। रजा युवाओं को जिहाद के लिए उकसा रहा था और हिंदू धार्मिक नेताओं को निशाना बनाने की योजना थी। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुजाहिदीन आर्मी बनाकर प्रदेश में हिंसा फैलाने के षड्यंत्र का मास्टरमाइंड मुहम्मद रजा केरल में पकड़ा गया है। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने मूलरूप से फतेहपुर के निवासी रजा को केरल के मल्लपुरम से गिरफ्तार किया है। उसे ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ लाया जाएगा। एटीएस अधिकारियों के अनुसार रजा ही कट्टरपंथियाें के गिराेह का सरगना है। उससे पूछताछ के आधार पर कुछ अन्य कट्टरपंथियों की तलाश तेज की गई है।
एटीएस ने एक दिन पूर्व पकड़े गए सुलतानपुर निवासी अकमल रजा, सोनभद्र निवासी सफील सलमानी उर्फ अली रिजवी, कानपुर निवासी मु. तौसीफ व रामपुर निवासी कासिम अली को मंगलवार को लखनऊ स्थित विशेष कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। एटीएस आरोपितों को पुलिस रिमांड पर लेने की तैयारी भी कर रही है।
एटीएस के अनुसार मु.रजा ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को ध्वस्त कर शरीयत कानून लागू कराने के इरादे से कट्टरपंथियों का कोर ग्रुप बनाया था। कोर ग्रुप के सदस्य हर माह चंदा के रूप में रकम भी इकट्ठा कर रहे थे। यह रकम सरगना रजा के खाते में जमा की जा रही थी। जिससे हथियार खरीदने के साथ ही अन्य आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके।
गिरोह की खासकर हिंदू धार्मिक नेताओं को निशाना बनाने की योजना थी। टारगेट किलिंग के लिए इंटरनेट मीडिया के माध्यम से कट्टरपंथी युवाओं को जोड़ा गया था। एटीएस इस बात की भी पड़ताल कर रहा है कि टारगेट किलिंग के लिए जुटाया जा रहा धन और किन-किन खातों में जमा कराया जा रहा था।
रजा ने पाकिस्तानी संगठनों से प्रभावित होकर वाट्सएप, टेलीग्राम व सिग्नल एप समेत अन्य माध्यमोें से कट्टरपंथियों को जोड़ा था। विभिन्न ग्रुप पर भड़काऊ आडियाे व वीडियाे भेजकर युवाओं को जिहाद के लिए उकसाया जा रहा था। इनमें से ही कुछ खास युवकों को चुनकर टारगेट किलिंग कराए जाने की योजना थी। शुरुआती पूछताछ में पहले पकड़े गए चारों आरोपितों ने जंग-ए-जिहाद व देश में शरिया कानून लागू कराने के लिए अलग-अलग शहर में नेटवर्क फैलाए जाने की बात स्वीकार की थी। एटीएस मामले में गिरोह के कुछ अन्य सक्रिय सदस्यों की तलाश कर रहा है।
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