मोदी को टापटेन विश्व अपराधी बताने पर आजम के खिलाफ परिवाद
अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर नगर विकास मंत्री आजम खां के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जल निगम के रिटायर्ड अधिशासी अभियंता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मो ...और पढ़ें

लखनऊ। अपने बेबाक बयानों के लिए मशहूर नगर विकास मंत्री आजम खां के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जल निगम के रिटायर्ड अधिशासी अभियंता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की उनकी टिप्पणी को लेकर न्यायालय में परिवाद दाखिल किया और आज कानपुर में महानगर मजिस्ट्रेट द्वितीय की कोर्ट में अपने बयान दर्ज कराए।
जल निगम में अधिशासी अभियंता रहे रामसेवक शुक्ल समाजसेवी व भाजपा कार्यकर्ता हैं। उन्होंने न्यायालय में नगर विकास मंत्री आजम खां के खिलाफ परिवाद के लिए प्रार्थना पत्र दिया जिसमें कहा कि आजम खां राज्य के कैबिनेट मंत्री हैं। मंत्रिपद ग्रहण करने के उपरांत उन्होंने भारत के संविधान न्याय, सम्मान व निष्ठा व्यक्त करने की शपथ ली थी। बावजूद इसके वह लगातार अनर्गल भाषा, वक्तव्य, गलत टिप्पणियां प्रसारित कर रहे हैं। 22 जुलाई 2015 को फैजाबाद में उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसार के दस महाअपराधियों में शीर्ष पर होने का वक्तव्य दिया जिसे समाचारपत्रों ने प्रकाशित किया।
इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री को असत्य बोलने वाला बादशाह, ठग भी कहा और प्रधानमंत्री के कार्यकाल में अनेक घोटालों के होने का भी झूठा बयान दिया हालांकि इस संबंध में वह कोई प्रमाण नहीं दे सके। जिससे उनके साथ-साथ सम्मानित व्यक्तियों, देश के नागरिकों को ठेस पहुंचाई है। रामसेवक शुक्ल ने अपने परिवाद में यह भी कहा कि इस संबंध में कैबिनेट मंत्री को उन्होंने व्यक्तिगत रूप से 29 जुलाई 2015 को पत्र भेजा और बिना शर्त क्षमा याचना का निवेदन किया लेकिन अभी तक उन्होंने क्षमा याचना नहीं की। अधिवक्ता कृपाशंकर टंडन ने बताया कि इस मामले में वादी राम सेवक ने अपने बयान भी दर्ज करा दिए हैं। 17 नवंबर को होने वाली सुनवाई में गवाहों के बयान दर्ज होंगे।

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