कमिश्नर रोशन जैकब को 2 KM की दूरी तय करने में लगा आधा घंटा, नगर आयुक्त को पत्र लिखकर कही ये बातें
लखनऊ में जाम और अतिक्रमण से मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब भी परेशान हुईं। कैसरबाग में पेड़ गिरने की सूचना पर उन्हें घटनास्थल तक पहुंचने में आधा घंटा लगा जिसके बाद उन्होंने नगर निगम को पत्र लिखकर नाराजगी जताई। उन्होंने फुटपाथ पर अतिक्रमण की समस्या बताई और सड़क को चौड़ा करने का सुझाव दिया ताकि यातायात सुगम हो। पहले भी कई अधिकारियों ने इस मुद्दे पर सवाल उठाए हैं।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। शहर में जाम और अतिक्रमण के आगे आम शहरी ही नहीं मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब भी बेबस नजर आईं। कैसरबाग में मंगलवार को पेड़ गिरने की सूचना मिलने के बाद मंडलायुक्त को अपने कार्यालय से कैसरबाग मछली मंडी तक केवल दो किलोमीटर की दूरी तय करने में आधा घंट लगा गया। जाम और अतिक्रमण से खिन्न मंडलायुक्त ने नगर निगम को पत्र लिखकर नाराजगी जताई।
कुछ दिन पहले महापौर सुषमा खर्कवाल ने भी नगर निगम कार्यालय से अपने कैंप कार्यालय तक सड़क पर जाम और अतिक्रमण पर अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे।
मंडलायुक्त ने पत्र में लिखा कि कैसरबाग में पुराने पेड़ गिरने से उत्पन्न आपात स्थिति में अपने कार्यालय से घटनास्थल तक पहुंचने में जाम के कारण काफी समय लग गया। कैसरबाग क्षेत्र में डीएम कार्यालय, राजस्व कार्यालय एवं सिविल कोर्ट के आसपास राजा नवाब अली रोड पर फुटपाथ के कारण नीचे सड़क पर पार्किंग की जा रही है। फुटपाथ पर अतिक्रमण है, जिससे लोग पैदल भी नहीं चल पा रहे हैं।
वह आगे लिखती हैं कि शहर का पुराना क्षेत्र होने के कारण किसी दुर्घटना की स्थिति में जाम लगने पर आपातकालीन सेवाएं घटनास्थल नहीं पहुंच पाती या देर से पहुंचती हैं। इस समस्या के निदान के लिए फुटपाथ को हटाते हुए नाली से नाली तक ब्लैक टाप कर रोड को चौड़ा किया जाए। इससे यात्रियों को अतिक्रमण मुक्त मार्ग मिलेगा और यातायात सुगम होगा।
यह पहली बार नही है जब जाम और अतिक्रमण को लेकर सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली पर खुद उनके ही शीर्ष अफसरों ने सवाल उठाया है। इससे पहले जिले के प्रभारी मंत्री वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बैठक में जाम को लेकर अधिकारियों के पेंच कसे थे। डीएम विशाख जी भी कई बार विभागीय बैठकों में जाम और अतिक्रमण पर चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन व्यवस्था जस की तस बनी है।
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