लखनऊ के कैसरबाग में मकान पर गिरा 200 वर्ष पुराना पीपल का पेड़, एक की मौत, कई लोग घायल, मचा हाहाकार
लखनऊ के कैसरबाग मछली मंडी में एक पुराना पीपल का पेड़ गिरने से बड़ा हादसा हो गया। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। स्थानीय लोगों और दमकल कर्मियों ने मिलकर मलबे से लोगों को निकाला। प्रशासनिक लापरवाही के चलते शिकायतों के बावजूद पेड़ को नहीं काटा गया जिसके कारण यह हादसा हुआ।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। कैसरबाग स्थित मछली मंडी में मंगलवार दोपहर एक बजे के करीब सौ वर्ष पुराना पीपल का पेड़ अचानक भरभरा कर गिर पड़ा। यह पेड़ मकान से सटा था। पेड़ गिरने से मकान भी ढह गया और टीन शेड दस से ज्यादा दुकानें इसकी चपेट में आ गईं।
स्थानीय लोगों ने मलबे में दबे लोगों को निकालने का काम शुरू किया, और दमकलकर्मी और एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई। सभी ने मिलकर दस से ज्यादा लोगों को मलबे से निकाला, जिनमें से पांच को अस्पताल पहुंचाया गया।
डाक्टरों ने मछली विक्रेता रामू दादा मृत घोषित कर दिया, जबकि अन्य का इलाज चल रहा है। सूचना मिलते ही उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक पहुंच गए और राहत कार्य का इंतजाम कराया। साथ ही मौके पर एंबुलेंस के साथ ही चिकित्सीय टीम को भेजा।
महापौर सुषमा खर्कवाल के अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी पहुंचे। राहत कार्य जारी है। कुछ मिलाकर इस घटना में प्रशासनिक लापरवाही सामने आई है, जिसमे मकानों के लिए खतरा बने पेड़ों को काटने में शिकायतों के बाद भी किसी ने ध्यान नहीं दिया।
विधायक रविदास मेहरोत्रा ने घटना के लिए नगर निगम को जिम्मेदार बताया है और मृतक के परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
जिस मकान में पेड़ लगा था, वह शेखू का है। शेखू ने बताया कि वह परिवार के साथ कई वर्षों से यहां रह रहे हैं। मंगलवार दोपहर एक वह परिवार के साथ घर में मौजूद थे, तभी अचानक पेड़ गिरने लगा। यह देखकर वह अपने माता-पिता को लेकर बाहर की तरफ भागने लगे।
जब उन्होंने पलटकर देखा, तो पाया कि मकान के साथ पूरा पेड़ सामने की टीन शेड वाली दस से ज्यादा मछली दुकानों के ऊपर गिर पड़ा था। पेड़ गिरने से चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और पेड़ के नीचे फंसे लोगों को निकालने का काम शुरू किया।
कुछ ही देर में दमकलकर्मी और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और आरी से पेड़ को काटकर अलग किया। इस दौरान करीब दस लोगों को पेड़ के नीचे से निकाला गया, जिनमें से पांच की हालत गंभीर थी। सभी घायलों को बलरामपुर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने त्रिवेणीनगर निवासी 70 वर्षीय मछली विक्रेात रामू देवनाथ को मृत घोषित कर दिया।
वहीं, स्थानीय निवासी मो. रिजवान, मो. शोएब, मो. अरमान रसूल और मलिहाबाद के बहलिया निवासी अभिषेक यादव का इलाज चल रहा है। स्थानीय निवासी अनुज सोनकर ने बताया कि मंगलवार के दिन मछली-मुर्गा लोग कम खरीदते थे। इसके कारण लोगों की संख्या कम थी। आम दिनों में घायलों की संख्या 50 से ज्यादा ही होती। सभी ने स्थानीय लोगों को उचित कार्रवाई करने और राहत पहुंचाने का आश्वासन दिया।
तीन से ज्यादा की गई शिकायत, नहीं हुई कार्रवाई
शेखू की बहन सरिता ने बताया कि पेड़ कटवाने को लेकर नगर निगम में तीन बार शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। सरिता ने बताया कि बीते सप्ताह सड़क के पास कुछ लोग पेड़ काट रहे थे, उनसे भी शिकायत की तो उन्होंने नगर निगम ने एक न सुनी। सरिता ने कहा एक पल में घर की सारी संपत्ति मिट गई।
मछली के बड़े विक्रेता थे रामू देवनाथ
हादसे में जान गवाने वाले रामू देवनाथ मछली के बड़े विक्रेता था। सभी उन्हें बंगाली दादा के नाम से बुलाते थे। उनके पास पश्चिम बंगाल व अन्य स्थानों से आई मछलियों को बेचते थे। राजधानी के सभी बंगाली परिवार के लोग उन्हीं से मछली खरीदते थे। उनके साथ-साथ कई दुकानदारों को नुकसान हुई है।
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