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    सीएम योगी ने पुलिस मंथन में लॉन्च किया AI आधारित 'यक्ष ऐप', बोले- दुनिया के लिए रोल मॉडल है यूपी पुलिस

    Updated: Sat, 27 Dec 2025 07:59 PM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'पुलिस मंथन' सम्मेलन में AI-आधारित 'यक्ष ऐप' का अनावरण किया। उन्होंने यूपी पुलिस को देश-दुनिया के लिए रोल मॉडल बताया, जि ...और पढ़ें

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    सीएम योगी ने पुलिस मंथन में किया यक्ष ऐप का लोकार्पण

    डिजिटल डेस्क, लखनऊ। पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय राज्यस्तरीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन- 2025 ‘पुलिस मंथन’ का शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुआ। मुख्यमंत्री योगी द्वारा अपने सम्बोधन में यूपी पुलिस के अब तक के कार्य, सुधार और उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि पिछले साढ़े आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने अपने परसेप्शन और कानून-व्यवस्था की छवि में उल्लेखनीय परिवर्तन किया है।

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    उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रयासों से उत्तर प्रदेश को आज देश-दुनिया में एक रोल मॉडल की तरह देखा जा रहा है और परिवर्तन की यह पहचान जनता के अनुभवों से सिद्ध होती है, न कि आत्मप्रशंसा से। इस दौरान उन्होंने स्मार्ट पुलिसिंग का विजन साझा करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि वर्ष 2017 से अब तक पुलिसिंग के हर स्तर पर व्यापक बदलाव हुए, भर्ती, प्रशिक्षण, अवसंरचना, तकनीक, साइबर सुरक्षा, फॉरेंसिक क्षमता, पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था, UP-112, सेफ सिटी मॉडल, महिला पुलिस भर्ती, और प्रीडिक्टिव पुलिसिंग की दिशा में निर्णायक प्रगति की गई है। पहले जहां प्रशिक्षण क्षमता सीमित थी, वहीं आज बड़े पैमाने पर 60,000 से अधिक आरक्षियों का प्रशिक्षण प्रदेश के अन्दर ही कराया जा रहा है। 75 जनपदों में साइबर थाने, 12 एफएसएल लैब और फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी जैसे संस्थागत बदलाव प्रदेश की नई सोच को दर्शाते हैं।

    उन्होंने कहा कि आज यूपी पुलिस अपराधियों के लिए भय और आम नागरिकों के लिए विश्वास व सम्मान का भाव स्थापित कर रही है। पुलिस की भूमिका अब केवल प्रतिक्रियात्मक नहीं, बल्कि प्रो-एक्टिव और प्रीडिक्टिव पुलिसिंग की ओर बढ़ चुकी है। उनके द्वारा बेस्ट प्रैक्टिसेस साझा करने, नवाचार अपनाने और समयबद्ध व बिंदुवार कार्य प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। अंत में मुख्यमंत्री योगी ने विश्वास व्यक्त किया कि यह दो दिवसीय पुलिस मंथन कार्यक्रम नीति, रणनीति और बेहतर क्रियान्वयन के जरिए समग्र पुलिसिंग को नई दिशा देगा और यूपी पुलिस अपने कार्यों को उसी आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ाती रहेगी।

    सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सम्मेलन में दो दिन उपस्थित रहकर मार्गदर्शन देने हेतु हृदय से आभार व्यक्त किया । उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के गरिमामयी इतिहास में यह एक विशिष्ट क्षण है, जब माननीय मुख्यमंत्री जी ने अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर इस मंथन में सहभागिता की है। उनकी उपस्थिति यह भरोसा देती है कि राज्य नेतृत्व पुलिसिंग की चुनौतियों को समझता है, सुधार की प्रक्रिया में मार्गदर्शक है और परिणामों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

    पुलिस महानिदेशक ने विभिन्न सत्रों की रूपरेखा एवं उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए, 2017 के बाद मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश पुलिस की परिवर्तनकारी यात्रा का उल्लेख किया। उन्होंने भर्ती, प्रशिक्षण, आधारभूत संरचना, तकनीक-आधारित नागरिक सेवाओं, फॉरेंसिक सुदृढ़ीकरण, cyber policing, मिशन शक्ति केन्द्र, विशेष इकाइयों के गठन तथा अपराध के प्रति zero tolerance नीति के प्रभाव को रेखांकित करते हुए कहा कि सम्मेलन का लक्ष्य प्रत्येक सत्र से स्पष्ट उत्तरदायित्व, निर्णयों की स्पष्ट timeline और ठोस परिणाम सुनिश्चित करना है, ताकि यह मंथन कक्षों से निकलकर फील्ड में दिखाई दे और नागरिकों तक बेहतर, responsive एवं citizen-first police service पहुँचे। सम्मेलन के प्रथम दिवस कुल 07 सत्र आयोजित किए गए, जिनमें प्रत्येक सत्र के 07 नोडल वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एवं उनकी टीम द्वारा विभिन्न विषयों पर प्रस्तुतीकरण दिया गया ।

    शनिवार को आयोजित सत्रों का सार

    • सत्र- 01 में Beat Policing विषय के नोडल अधिकारी एस०के० भगत, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा बीट पुलिसिंग से सम्बन्धित समस्या तथा उसके समाधान एवं Best practices के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया गया । तत्पश्चात माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा यक्ष ऐप का लोकार्पण किया गया । ‘यक्ष ऐप’- AI और Big Data Analysis की सहायता से तैयार किये गये बीट बुक का डिजिटल स्वरूप है। इसके माध्यम से बीट पर अपराध, अपराधियों तथा संवेदनशील क्षेत्रों का समग्र डाटा उपलब्ध होगा, जिससे पुलिस कार्यवाही अधिक तथ्यात्मक, विश्लेषणात्मक एवं लक्षित रूप में की जा सकेगी। यह ऐप बीट कर्मियों के रोज़मर्रा के कार्यों को आसान, सुव्यवस्थित एवं प्रभावी बनाने में भी मददगार होगा ।
    • सत्र- 02 में Crime Against Women, Children and Human Trafficking विषय की नोडल अधिकारी पद्मजा चौहान, अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों से सम्बन्धित प्रमुख कार्य, उपलब्धियां, चुनौतियां एवं भावी कार्ययोजना जिसमें नवस्थापित मिशन शक्ति केन्द्र, समुदाय स्तर पर किये जा रहे जागरूकता कार्यक्रम एवं पारिवारिक विघटन के साथ लैंगिक अपराधों से पीड़ित बालिकाओं की देखभाल एवं संरक्षण, मिशन-शक्ति के द्वारा महिलाओं एवं बाल-सुरक्षा, मिशन-शक्ति केन्द्र के द्वारा सकारात्मक बदलाव, Family Dispute Resolution Clinic (FDRC), एवं बलात्कार के प्रकरणों में कानून प्रवर्तन पर प्रस्तुतीकरण दिया गया । इसके अतिरिक्त अपर पुलिस महानिदेशक, गोरखपुर जोन श्री अशोक मुथा जैन द्वारा बहू-बेटी सम्मेलन पर प्रस्तुतीकरण दिया गया।
    • सत्र- 03 में Police Station Management and Upgradation विषय के नोडल अधिकारी सुजीत पांडेय, पुलिस महानिदेशक, लखनऊ जोन के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा थाना स्तर की पुलिसिंग में तकनीकी उन्नयन हेतु 'स्मार्ट एसएचओ डैशबोर्ड' की विशेषताओं और उपयोगिताओं के साथ साथ इसको लागू करने के सम्बन्ध में आने वाली चुनौतियों तथा समाधान आदि के बारे में विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया गया । प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया गया कि उक्त एकीकृत डैशबोर्ड के माध्यम से थाना प्रभारी सभी प्रमुख कार्यों पर नियंत्रण रख सकते है । इस डैशबोर्ड के क्रियान्वयन से नागरिक शिकायतों के समाधान के समय में भारी कमी, पुलिस कर्मियों के बीच जवाबदेही में वृद्धि, यातायात प्रवाह में सुधार और अपराध निगरानी में तेजी आयेगी ।
    • सत्र- 04 में Cyber Crimes विषय के नोडल अधिकारी श्री बिनोद कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक, साइबर क्राइम के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा बढ़ रहे साइबर अपराध के प्रमुख कारणों, साइबर अपराधियों की कार्यप्रणाली इत्यादि की जानकारी देने के साथ-साथ साइबर अपराध की चुनौती से निपटने के लिए साइबर थाने व साइबर हेल्प डेस्क द्वारा किये जाने वाले प्रयासों तथा भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C) के सहयोग से Capacity Building हेतु किये जा रहे प्रयासों के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया गया ।
    • सत्र- 05 में Human Resource Development, Welfare, Police Behavior and Training विषय के नोडल अधिकारी पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण, राजीव सभरवाल के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा पुलिस कर्मियों के व्यवहार में सुधार हेतु विशेषज्ञ एजेंसियो के माध्यम से कराए गए प्रयास एवं प्रशिक्षण, उ०प्र० प्रान्तीय पुलिस सेवा (PPS) संवर्ग के अधिकारियों की सेवा सम्बन्धी समस्याओं एवं उसके निवारण, उत्तर प्रदेश पुलिस के कर्मियों एवं उनके आश्रित परिवार के स्वास्थ्य एवं कल्याण, कौशल विकास एवं आत्मनिर्भरता, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा एवं जागरूकता हेतु वामासारथी द्वारा किये जा रहे सराहनीय प्रयासों एवं प्रचलित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं, भारत सरकार के ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म- i-GOT पोर्टल पर उत्तर प्रदेश के पुलिसबल को प्रशिक्षण कोर्स कराये जाने के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया गया ।
    • सत्र- 06 में Prosecution and Prisons विषय के नोडल अधिकारी दिपेश जुनेजा, पुलिस महानिदेशक, अभियोजन के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा विभिन्न अपराधों की मॉनिटरिंग हेतु ई-रिर्पोटिंग पोर्टल को विकसित किए जाने, चिन्हित माफिया की प्रकरणवार मॉनिटरिंग हेतु डेडीकेटेड डैशबोर्ड बनाए जाने, नवीन आपराधिक विधियों के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा हेतु डेडीकेटेड डैशबोर्ड बनाए जाने, अभियोजकों के दैनिक कार्यों के मूल्यांकन हेतु ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर 12 के0पी0आई0 निर्धारित किए जाने, पेपरलेस व्यवस्था में अभियोजन द्वारा मानव संपदा पोर्टल, ई-ऑफिस तथा ई-प्रॉसीक्यूशन पोर्टल पर कार्य किए जाने के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया गया । इसके अतिरिक्त डीजी कारागार प्रेम चन्द मीना द्वारा उत्तर प्रदेश की कारागारों का डिजिटलीकरण, डिजिटल तकनीक से पारदर्शिता, सुरक्षा, त्वरित न्यायिक प्रक्रिया, बंदियों का सुधार तथा प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से माननीय न्यायालय में 50,000 से अधिक गवाही कराये जाने, AI आधारित सीसीटीवी निगरानी, ई-मुलाकात, हेल्थ ए.टी.एम., डिजिटल लाइब्रेरी, समय पूर्व रिहाई सॉफ्टवेयर, ई-अभिरक्षा प्रमाणपत्र आदि नवाचारों और कार्यवाहियों के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया गया ।
    • सत्र- 07 में CCTNS 2.0, Nyay Sanhita and Forensics विषय के नोडल अधिकारी नवीन अरोड़ा, अपर पुलिस महानिदेशक, तकनीकी सेवायें के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा बढ़ते अपराधों की जटिलता, साइबर अपराधों में वृद्धि तथा नागरिकों की त्वरित न्याय की अपेक्षाओं के दृष्टिगत पुलिसिंग को अधिक डेटा-आधारित, वैज्ञानिक एवं नागरिक-केंद्रित बनाये जाने, CCTNS के माध्यम से पुलिस रिकॉर्ड, FIR एवं विवेचना से संबंधित डेटा का एकीकरण एवं नई न्याय संहिताओं के अंतर्गत e-FIR, Zero FIR, e-Summon एवं e-Sakshya जैसी डिजिटल व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया गया ।

    पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के समापन उद्बोधन से प्रथम दिवस का सम्मेलन समाप्त हुआ।