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    सीएम योगी ने की माघ मेला की तैयारियों की समीक्षा, मुख्य स्नान पर्वों पर नहीं होगा कोई VIP प्रोटोकॉल

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 10:25 PM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में माघ मेला की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित वातावरण स ...और पढ़ें

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    सीएम योगी ने की माघ मेला की तैयारियों की समीक्षा।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में आयोजित होने वाले माघ मेला की तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि यह केवल आस्था का आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सनातन परंपरा, सामाजिक अनुशासन और प्रशासनिक दक्षता का सजीव उदाहरण है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुव्यवस्थित वातावरण उपलब्ध कराना सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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    उन्होंने गृह विभाग से कहा कि प्रमुख स्नान पर्वों पर किसी भी प्रकार का वीआइपी प्रोटोकाल लागू न किया जाए। सभी संबंधित विभागों को 31 दिसंबर तक हर हाल में तैयारियां पूरी करने के लिए कहा है।

    माघ मेला में इस वर्ष 15 से 25 लाख श्रद्धालु केवल कल्पवासी होंगे। माघ मेला का आयोजन तीन जनवरी से 15 फरवरी तक कुल 44 दिनों में होगा। इस दौरान पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि जैसे प्रमुख स्नान पर्व पड़ेंगे।

    पूरे मेले में 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है, जबकि मौनी अमावस्या पर एक ही दिन में साढ़े तीन करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के स्नान की संभावना को देखते हुए व्यवस्थाएं की जा रही हैं।

    इस वर्ष मेला क्षेत्र का विस्तार बढ़ाकर लगभग 800 हेक्टेयर किया गया है। सेक्टरों की संख्या पांच से बढ़ाकर सात कर दी गई है और स्नान घाटों की लंबाई में 50 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन को लेकर मुख्यमंत्री ने आधुनिक तकनीक के अधिकतम उपयोग पर जोर दिया।

    मेला क्षेत्र में एआई आधारित सर्विलांस और रीयल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम, लगभग 450 सीसीटीवी कैमरे, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की तैनाती की जाएगी। अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई, ट्रैफिक व भीड़ प्रबंधन के लिए बहुस्तरीय योजना बनाने के निर्देश भी दिए।

    नवाचारों के तहत पहली बार एप आधारित बाइक टैक्सी सेवा, क्यूआर कोड आधारित पहचान प्रणाली, जियो-ट्यूब तकनीक और पूर्व निर्मित सीवेज शोधन संयंत्र लागू किए जा रहे हैं। स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध, 16,650 शौचालय, 3300 सफाई मित्रों की 24 घंटे सातों दिन तैनाती के निर्देश दिए हैं।

    नगर विकास विभाग को जीरो लिक्विड डिस्चार्ज माडल लागू कर गंगा-यमुना की पवित्रता बनाए रखने के लिए कहा गया है। स्वास्थ्य सेवाओं के लिए दो 20 बेड के अस्पताल, 12 प्राथमिक उपचार केंद्र, 50 एंबुलेंस और आयुष चिकित्सा इकाइयां स्थापित की जा रही हैं।

    पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से लोकनृत्य, लोकनाट्य, भजन-कीर्तन, रामलीला और 19वीं-20वीं शताब्दी के माघ मेलों के लोक अभिलेख व दुर्लभ पांडुलिपियों की प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र होगी।