CM योगी ने अधिकारियों को लगाई फटकार, बोले- फाइलों में ही नहीं यहां भी देखें परियोजनाओं की प्रगति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे केवल फाइलों तक सीमित न रहें बल्कि जमीनी स्तर पर परियोजनाओं की प्रगति का मूल्यांकन करें। उन्होंने विकास प्राधिकरणों को अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने के लिए नवीन दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। मेरठ कानपुर और मथुरा-वृंदावन में प्रस्तावित विकास परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर जोर दिया गया।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे केवल फाइलों तक ही सीमित न रहें बल्कि धरातल पर उतरकर परियोजनाओं की प्रगति को देखें। हिदायत दी कि जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए पारदर्शी व्यवस्था के तहत कार्यों को आगे बढ़ाएं।
विकास प्राधिकरणों को अपने बांड जारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि वे केवल निर्माण ही न करते रहें बल्कि अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत बनाने के लिए नवाचार भी करें।
ऐसी परियोजनाएं तैयार करें जो उनके लिए कमाई का जरिया बनने के साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर मॉडल भी साबित हों।
शनिवार को आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक में योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि अल्प, मध्य और दीर्घकालिक योजनाएं बनाकर विकास परियोजनाओं को समग्रता के साथ आगे बढ़ाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ, कानपुर एवं मथुरा-वृंदावन के समग्र विकास के लिए 1833 करोड़ रुपये की लागत से 38 परियोजनाएं प्रस्तावित हैं।
इनमें मेरठ की 11, कानपुर की 13 और मथुरा वृंदावन की 14 परियोजनाएं हैं। निर्देश दिया कि हर प्रस्ताव को स्थानीय स्तर पर सर्वे और अध्ययन के बाद ही अंतिम रूप दिया जाए ताकि योजनाएं क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप हों और जनता को उनका लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि प्राधिकरण मास्टर प्लान बनाते समय चयन प्रक्रिया को वैज्ञानिक और पारदर्शी बनाएं ताकि योजनाएं व्यावहारिक तौर पर धरातल पर उतर सकें।
लखनऊ में प्रस्तावित 28 किलोमीटर ग्रीन कॉरिडोर परियोजना के संबंध में योगी ने कहा कि राजधानी में संचालित विभिन्न परियोजनाओं से आर्थिक विकास को नई गति मिलेगी।
अधिकारियों को निर्देश दिए कि समय से काम पूरा करने के लिए ग्रीन कॉरिडोर और अन्य अवस्थापना परियोजनाओं के लिए धन की व्यवस्था निवेश ऋण के माध्यम से करें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि परियोजनाएं आपसी समन्वय से विभाग धरातल पर उतारें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राधिकरण अपनी योजनाओं को ब्रांड बनाएं ताकि वे दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण बनें। निर्देश दिया कि प्राधिकरण अनिवार्य रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था होने पर ही भवन का नक्शा पास करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीपी मॉडल पर कन्वेंशन सेंटर बनें। प्राधिकरण भूमि उपलब्ध कराए और निवेशक निर्माण व संचालन करें। योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि योजनाएं ऐसी हों जिनसे दशकों तक की जरूरतें पूरी हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अवस्थापना विकास को केवल निर्माण कार्य तक सीमित न रखें बल्कि इसे आर्थिक वृद्धि, पर्यावरण संरक्षण और जनता की सुविधा से सीधे जोड़ें।
विकास कार्यों में पारदर्शिता, जनता की भागीदारी और दीर्घकालिक दृष्टि का समावेश ही प्रदेश को विकसित भारत के अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करेगा।
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