सीएम योगी का प्रदेशवासियों को पत्र, ब्रांड यूपी' की सफलता का जिक्र; युवाओं से मांगा 'एआई ज्ञानदान' का संकल्प
सीएम योगी आदित्यनाथ ने नए साल 2026 की पूर्व संध्या पर उत्तर प्रदेश की जनता को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने 2025 की उपलब्धियों, तकनीक व एआई में नवाचार और ...और पढ़ें

डिजिटल टीम, लखनऊ। नए साल 2026 के आगमन की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की जनता के नाम एक भावुक और प्रेरणादायक पत्र साझा किया है। इस पत्र में उन्होंने जहाँ बीते वर्ष की उपलब्धियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया, वहीं प्रदेश के युवाओं से एक विशेष 'ज्ञानदान' का आह्वान भी किया है।
2025: तकनीक और नवाचार का वर्ष
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र की शुरुआत में वर्ष 2025 को राज्य के लिए क्रांतिकारी बताया। उन्होंने लिखा कि बीत रहा वर्ष टेक्नोलॉजी, एआई (Artificial Intelligence) और डेटा के क्षेत्र में नवाचार के नए मापदंड स्थापित करने के लिए याद किया जाएगा। सीएम के अनुसार, उत्तर प्रदेश अब पारंपरिक छवि से बाहर निकलकर 'भविष्योन्मुखी विकास' (Future-oriented development) के नए मानक गढ़ रहा है।
विश्व पटल पर चमक रहा है 'ब्रांड यूपी'
प्रदेश की कानून-व्यवस्था और सुशासन की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सुशासन के राज ने विश्व भर में 'ब्रांड यूपी' को सशक्त किया है। उत्तर प्रदेश अब निवेशकों के विश्वास का राज्य बन गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में आए निवेश और औद्योगिक विकास ने यूपी को देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ाया है।

युवाओं से विशेष अपील: '5 बच्चों को सिखाएं एआई'
नए साल 2026 के लिए मुख्यमंत्री ने प्रदेश के युवाओं के सामने एक अनूठा लक्ष्य रखा है। उन्होंने युवाओं से 'ज्ञानदान' का संकल्प लेने का आग्रह किया है। पत्र के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं-
कंप्यूटर और एआई जागरूकता: युवा अपने आसपास के कम से कम 5 बच्चों को कंप्यूटर और एआई की बेसिक शिक्षा दें।
समय का योगदान: हर सप्ताह कम से कम एक घंटा ज्ञान साझा करने के लिए निकालें।
उद्देश्य: तकनीक के इस युग में प्रदेश का हर बच्चा भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार हो सके।
भविष्य की राह
मुख्यमंत्री का यह पत्र दर्शाता है कि सरकार अब भौतिक विकास (Infrastructure) के साथ-साथ बौद्धिक और तकनीकी विकास (Digital Literacy) पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है। 'ज्ञानदान' की यह पहल ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच डिजिटल खाई को पाटने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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