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    इतिहास उन्हीं का बनता है जिनके मन में त्याग और बलिदान का भाव हो : मुख्यमंत्री योगी

    By Santosh Shukla Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Fri, 26 Dec 2025 06:38 PM (IST)

    CM Yogi Adityanath: धर्म की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले गुरु गोबिंद सिंह के सुपुत्रों की स्मृति में वीर बाल दिवस के अवसर पर अयोजित कार्यक्र ...और पढ़ें

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    गुरु गोबिंद सिंह के सुपुत्रों की स्मृति में वीर बाल दिवस के अवसर पर अयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को वीर बाल दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित शबद पाठ और कीर्तन समागम में सबसे पहले गुरु ग्रंथ साहिब को माथे लगाकर प्रणाम किया।

    धर्म की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले गुरु गोबिंद सिंह के सुपुत्रों की स्मृति में वीर बाल दिवस के अवसर पर अयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि त्याग और बलिदान का भाव रखने वालों ने ही इतिहास बनाया है। सिख गुरुओं ने स्वदेश और स्वधर्म के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की जो परंपरा स्थापित की, वही हमारी प्रगति का मार्ग है।

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    मुख्यमंत्री ने शबद कीर्तन और साहिबज़ादों के अमर बलिदान की गाथा को सुना। कीर्तन पाठ करने वाले बच्चों को पटका पहनाकर और पुरस्कार देकर सम्मानित किया। उन्होंने ‘छोटे साहिबज़ादे’ नाम की पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबज़ादों बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहीदी दिवस को वीर बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसके आगे सब नमन करते हैं।

    सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया कि उन्होंने देशभर के सिख समाज की भावना को स्वीकार करते हुए इस दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं का भारत में भक्ति और शक्ति का इतिहास है। गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की जो अलख जगाई, उसके प्रचार-प्रसार के लिए देश के कोने-कोने में गए। गुरु तेग बहादुर और गुरु गोबिंद सिंह ने अपने त्याग और बलिदान से इसे अनुकरणीय बनाया।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस का 350वां वर्ष मनाया जा रहा है। यह विशेष संयोग था कि जिस समय हम गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में कार्यक्रम का आयोजन कर रहे थे, उसी दिन 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

    मुख्यमंत्री ने कहा कि आज देश के हर स्कूल, कालेज और कार्यालय में वीर बाल दिवस के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। साहिबज़ादों की गाथाएं पाठ्यक्रम में शामिल की गई हैं, ताकि नई पीढ़ी को बलिदान की प्रेरणा मिल सके।

    मुख्यमंत्री ने गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज, माता गुजरी देवी, बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की स्मृतियों को नमन करते हुए कहा कि वीर बाल दिवस प्रत्येक भारतीय युवा के लिए प्रेरणा का दिन है। कार्यक्रम के अंत में आनंद साहिब का पाठ और अरदास हुई। इसके बाद वह कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ एवं असीम अरुण के साथ लंगर में भी सम्मिलित हुए।