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जागरण संवादी में बोले योगी आदित्यनाथ- असहिष्णुता कहने वाले खुद को भारत का नहीं मानते

धर्म क्या है पहला सवाल था। जिसके जवाब में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्म को उपासना से जोड़ते हैं तो धर्म की व्यापकता कम होती है। धर्म इससे बड़ा है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 05 Nov 2017 10:55 AM (IST)Updated: Mon, 06 Nov 2017 12:26 PM (IST)
जागरण संवादी में बोले योगी आदित्यनाथ- असहिष्णुता कहने वाले खुद को भारत का नहीं मानते
जागरण संवादी में बोले योगी आदित्यनाथ- असहिष्णुता कहने वाले खुद को भारत का नहीं मानते

लखनऊ (जेएनएन)। दैनिक जागरण के कला, संस्कृति व साहित्य को एक मंच पर लाने के उत्सव संवादी में आज तीसरे तथा अंतिम दिन के मुख्य आकर्षण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्म पर चर्चा की। भारतेंदु नाट्य अकादमी में आज पहले सत्र में दिन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ दैनिक जागरण के कार्यकारी संपादक प्रशांत मिश्र ने चर्चा की। संवादी के अंतिम दिवस का प्रथम सत्र काफी भीड़ वाला रहा। 

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धर्म क्या है पहला सवाल था। जिसके जवाब में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्म को उपासना से जोड़ते हैं तो धर्म की व्यापकता कम होती है। धर्म इससे बड़ा है। धर्म पर समाज और व्यक्ति का जीवन टिका है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्म मत और मजहब से नहीं जुड़ा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन धर्म ही वास्तविक धर्म है। बाकी मत हैं। प्रश्न धर्म के दर्शन पर कर्मकांड हावी हैं। धर्म को व्यापकता से देखिए। धर्म निरपेक्ष कुछ नहीं। ये पंथ निरपेक्ष है। धर्म के व्यापक स्वरूप को लेना होगा। धर्म निरपेक्ष शब्द आजादी के बाद सबसे बड़ा झूठ है। सबको अपना धर्म पालन करना होता है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर उपासना विधि पर भेद हैं। हम किसी पर आस्था नहीं थोप सकते हैं। मैं तिलक को वैज्ञानिक मानता हूँ। हमारे मध्य भाग में तिलक ऊर्जा का केंद्र है। ये सही दिशा में ऊर्जा के उपयोग के लिए तिलक लगाते हैं। इसको पाखंड नहीं कह सकते हैं। उसी बहाने समाज के जीवन को जोड़ा हुआ है। हम ये कहे कि इसका वैज्ञानिक आधार नहीं ये गलत होगा। वाद पित्त और कफ से से बचने के लिए रक्षा सूत्र बंधा जाता है। धर्म को सम्प्रदाय से जोडएंगे तो भृम होगा। मनुष्य का एंटीना चोटी है। जो तुलसी का पौधा लगयेगा काढा पियेगा उसको डेंगू नहीं होगा। मनुष्य का एंटीना चोटी है।

सवाल : आपको नहीं लगता है धर्म का दिखावा बढ़ रहा है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये आदि धर्म है इसमें कट्टरता नहीं होता है। मगर थप्पड़ का जवाब तो देना होगा। समाजपुरुषार्थी हो कायर नहीं। भगवान राम ने भी युद्ध टालने की कोशिश की। कृष्ण भी महाभारत नहीं चाहते थे। मगर दोनों को अस्त्र उठाना पड़ा था। इसी तरह से अति होने पर शस्त्र उठाना पड़ता है। उदारता दुष्टों के साथ नहीं होता है। वे शांति से नहीं मानेंगे। सवाल पीठ और सरकार में संतुलन कैसे बैठाते हैं। दोनों लोक कल्याण के लिए हजन। उद्देश्यों में फर्क नहीं है। इसलिए दिक्कत नही है। सरकार में लोगों की मदद होती है। आचार्य बन कर भी लोक कल्याण होता है। धर्म और राजनीति एक दूसरे के पूरक हैं। 

सवाल : देश में असहिष्णुता पर आपकी राय क्या है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो बुद्धि को बेच कर उसका बाजारीकरण करते हैं। वो असहिष्णुता की बात करते हैं।

 पैगम्बर मोहम्मद के समय मे पहली मस्जिद भारत मे बनी। पहला चर्च भी हिन्दू राजाओं ने बनवाया। पारसी समुदाय ईरान में खत्म हुआ मगर भारत में आया। यहूदी समुदाय भी भारत मे शरण पाया। इजराइल हमारे साथ है। उस देश ने हमारे साथ आने की बात कही यही। हम सर्वे भवन्तु सुखिनः की बात करते हैं। ये पूरी दुनिया के लिए करते हैं। आप ब्रह्णम होकर भी तिलक चोटी नहीं रखते हैं मगर आपको किसी ने नहीं टोका। असहिष्णुता कहने वाले खुद को भारत का मानते ही नहीं है।

केरल के साम्यवादी मुख्यमंत्री के लेख में भारत को बहुराष्ट्रीय खण्ड कहा था। ऐसा आजादी के पहले भी साम्यवादी कहते थे। मगर उसी केरल से निकला सन्यासी देश में चार पीठ बनाए। भारत सालों से एक सांस्कृतिक राष्ट्र रहा है। भारत आदिकाल से राष्ट्र रहा है।

ये मंदिर राष्ट्रीय एकात्मा की निशानी हैं। एक ही मंदिर में अलग अलग पंथ के लोग जा सकते हैं। कोई भेद नहीं है। दुनिया को सहिष्णुता का पाठ हमने पढाया है। हिन्दू आतंकवाद कहने वाले कौन हैं। जिन्होंने भारत को समझा नहीं। जो विदेशी जूठन खाते हैं उन्होंने ये शब्द दिया। देश की जनता ने इसको खारिज किया।

सवाल : यूपी के संस्कृति और सभ्यता के लिए सरकार क्या कर रही है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी पर प्रकृति की कृपा है। देश का सबसे समृद्ध प्रदेश बनेगा। हम लोगों को टूरिज्म का विकास करना होगा। रोजगार बनाने होंगे। लोगों को एनेक्सी में भगवा नजर आ रहा है। अब सूर्य की किरणों और आग में भी वे भगवा बंद कराएंगे। कला और संस्कृति विकास की आत्मा है। अयोध्या में दीपावली का पर्व उसकी शुरआत है।

लखनऊ में नई चीज देंगे। यूपी में 15 साल से जातिवाद और भ्र्ष्टाचार की पहचान थी अब हम वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट सेंटर बनाएंगे। हम प्रोग्रेसिव उत्तर प्रदेश की और बढ़ रहे हैं। यह जातिवाद और व्यक्तिवाद परिवारवाद में बांटा नहीं जायेगा। देश को अगर महा शक्ति बनाना है तो उसका रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है।

सवाल : यूपी में स्थानीय भाषाओं की फिल्में नहीं बन रही हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ऐसा नही फ़िल्म बन रही हैं। जो निर्माता अच्छी फिल्में बनाएंगे उनको हम अनुदान देंगे। हम अच्छी फिल्मों को टैक्स फ्री किया है।

आखिरी सवाल : आप केरल गए थे। वहां कैसा लगा।

केरल में हिन्दू आतंकित है। वहां साम्यवादियों की गुंडागर्दी है। वहां भाजपा ने कुरता के खिलाफ पदयात्रा में अनेक लोग दिव्यांग मिले। 245 हत्याएं हुई हैं। पहले घर में धमकी देते हैं। वहां निर्मम व्यवहार हो रहा है। केरल के सीएम के गृह जनपद में सबसे ज्यादा हत्याएं हुई हैं। हम चुप नहीं होंगे। हम भारतवासी है। हर आंदोलन में सहभागी होंगे। देश के अंदर जो भी जहाँ भी अराजकता फैलायेगा, उसके खिलाफ़ हम एक जुट होंगे। कम्युनिस्ट आंदोलन की सबसे बड़ी विफलता यह रही कि उसने भारत को एक राष्ट्र नहीं माना। वाराणसी की देव दीपावली को प्रदेश का पर्व नहीं बना सकते हैं। हमारे सभी बड़े अधिकारी और मंत्री थे। हमने पूरी भव्यता से किया। कुम्भ को भी एक यूनीक इवेंट बनाएंगे। ये यूपी के लिए बड़ा अवसर होगा। 12 करोड़ लोग आएंगे। पूरा प्रदेश आगे आएं। 

संवादी के लिए कई संदेश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अच्छा और उपयुक्त विषय है। हिंदी को प्रोत्साहित किया है। इसका स्वागत है। हिंदी के लेखकों से आह्वान है वे सकारात्मक लिखें। अच्छे को और आगे बढ़ाएं। दृष्टिकोण जब सकारात्मक होगा तो बढ़िया। हमें अपनी सकारात्मकता बनाएं रखना चाहिए। मैं लेखकों से आह्वान करूँगा कि वह सकारात्मक मुद्दों पर लिखें। भारतीय लेखन हमेशा सकारात्मक रहा है। 

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इसके बाद इसके 2:15 से 3:15 तक 'विधाओं का छूटता सिरा' परिचर्चा में मनीषा कुलश्रेष्ठ, डॉ. विनय कुमार व डॉ. सच्चिदानंद जोशी के साथ अजय सोडानी रहेंगे। इसका संचालन राखी बक्षी करेंगी। तीसरा सत्र 3:30 से 4:30 तक चलेगा। इसमें अभिव्यक्ति की आजादी के मायने पर विशेषज्ञ अपनी राय रखेंगे।

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आज के चौथे सत्र में 4:40 से 5:40 तक ''दलित साहित्य का ब्राह्मणवाद'' पर चर्चा में हरिराम मीणा, भगवानदास मोरवाल व शरण कुमार लिंबाले शामिल होंगे। इसका संचालन टेकचंद करेंगे। आज का पांचवा सत्र 5:50 से 6:50 तक चलेगा। ''हिंदी, हिंदू और हिंदुस्तानी'' पर विषय पर शीन काफ निजाम, राहुल देव, जगदीश्वर चतुर्वेदी व शाहिद सिद्दीकी चर्चा करेंगे। इस सत्र का संचालन डॉ रविप्रकाश टेकचंदानी करेंगे।

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शाम सात से आठ बजे तक "मीडिया का बदलता स्वर" विषय पर ब्रजेश मिश्रा, पंकज झा व कमाल खान अपने विचार रखेंगे। इस सत्र का संचालन अनंत विजय करेंगे।

आज का सातवां सत्र मिथक और यथार्थ का होगा। इसमें नरेंद्र कोहली से नवीन जोशी वार्ता करेंगे। संवादी 2017 का समापन 9:20 से 10:30 तक फैज, कबीर, पाश व बुल्लेशाह पर संगीतमय प्रस्तुति स्वांग करेगा। 


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