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    सीएम योगी ने लापरवाह अधिकारियों की मांगी लिस्ट, अयोध्या-आगरा के मंडलायुक्तों पर हो सकता है एक्शन

    लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक्शन में हैं। सीएम योगी ने मुख्य सचिव से लापरवाह मंडलायुक्तों की रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट में 18 मंडलों में राजस्व वादों के 4619 मामले अभी भी लंबित हैं। रिपोर्ट के अनुसार अलीगढ़ अयोध्या बस्ती मंडल राजस्व निस्तारण में फिसड्डी साबित हुए हैं। अब इन पर एक्शन हो सकता है।

    By Shobhit Srivastava Edited By: Abhishek Pandey Updated: Wed, 26 Jun 2024 11:34 AM (IST)
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    उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व वादों के निस्तारण में लापरवाह तहसीलदार से लेकर डीएम तक की रिपोर्ट मंगाने के बाद अब मंडलायुक्तों की रिपोर्ट तलब की है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने तत्काल राजस्व वादों की समीक्षा की और उसमें पाया कि 18 मंडलों में राजस्व वादों के 4,619 मामले लंबित हैं।

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    उन्होंने नाराजगी जताते हुए वादों के निस्तारण में लापरवाह मंडलायुक्तों की रिपोर्ट तैयार कर ली है। शीघ्र ही यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी। इसके बाद लापरवाह मंडलायुक्तों पर कार्रवाई हो सकती है।

    राजस्व के मामले में आगरा-अयोध्या फिसड्डी

    मुख्य सचिव ने लापरवाह मंडलायुक्तों को फटकार भी लगाई, जबकि अच्छा काम करने वालों की प्रशंसा की। मुख्य सचिव ने बैठक में पाया कि अलीगढ़, अयोध्या, बस्ती, विंध्याचल और आगरा मंडल राजस्व वादों के निस्तारण में सबसे फिसड्डी हैं।

    वहीं, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, सहारनपुर और चित्रकूटधाम मंडल ने अच्छा काम किया है। सबसे ज्यादा 2,445 मामले अलीगढ़ मंडल में विचाराधीन हैं। पांच वर्ष से अधिक अवधि के लंबित वादों की संख्या 3,204 है। अयोध्या मंडल में विचाराधीन मामलों की संख्या 1,049 है, जबकि पांच वर्ष से अधिक अवधि के लंबित मामले 1,175 हैं।

    बस्ती मंडल में 942 मामले विचाराधीन है, पांच वर्ष से ज्यादा के लंबित वादों की संख्या 792 है। वहीं, विंध्याचल मंडल में पांच वर्ष से अधिक अवधि के लंबित वाद 649 हैं। आगरा मंडल में 508 मामले विचाराधीन हैं। यहां पर भी सबसे ज्यादा पांच वर्ष से अधिक अवधि के 612 मामले लंबित हैं।

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