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    भ्रष्‍टाचार के खि‍लाफ सीएम योगी सख्त, अभिषेक प्रकाश समेत 11 IAS अधिकारी अब तक हो चुके हैं सस्‍पेंड

    Updated: Fri, 21 Mar 2025 10:22 AM (IST)

    सौर ऊर्जा के कलपुर्जे बनाने का संयंत्र लगाने के लिए रिश्वत मांगने के आरोप पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई करते हुए इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अभिषेक प्रकाश को निलंबित कर दिया है। जांच में उन्हें प्रथमदृष्टया दोषी पाया गया है। इनके साथ ही अब तक 11 आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई का चाबुक चल चुका है। इन अधिकारियों को सरकार निलंबित कर चुकी है।

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    उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आद‍ित्‍यनाथ।- फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। योगी सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का ही नतीजा है कि वर्ष 2006 बैच के आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश को गुरुवार को निलंबित कर दिया गया। इनके साथ ही अब तक 11 आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई का चाबुक चल चुका है। इन अधिकारियों को सरकार निलंबित कर चुकी है। हालांकि, इनमें से कई अधिकारी जांच के बाद बहाल भी हो चुके हैं।

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    वर्ष 2014 बैच के आईएएस अधिकारी घनश्याम सिंह लखीमपुर खीरी में खेत की पैमाइश लटकाए जाने के मामले में पिछले वर्ष 13 नवंबर को निलंबित किए गए थे। अब वह बहाल हो गए हैं।

    जुलाई 2024 में सरकार ने वर्ष 2012 बैच के आईएएस अधिकारी देवीशरण उपाध्याय को निलंबित किया था। प्रयागराज में सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद में तैनाती के दौरान उन पर अलीगढ़ में 35 भूखंडों के पट्टे मनमाने तरीके से बहाल करने के आरोप लगे थे।

    31 मार्च 2022 को सोनभद्र के डीएम टीके शीबू को निलंबित कर दिया गया था। अब वह भी बहाल हो चुके हैं।

    सुनील कुमार वर्मा को पद का दुरुपयोग करने व भ्रष्टाचार के आरोप में औरैया के डीएम पद से निलंबित किया गया था। वह भी बहाल हो चुके हैं।

    वर्ष 2011 बैच के आईएएस अधिकारी देवेन्द्र कुमार पांडेय उन्नाव में डीएम रहते निलंबित किए गए थे। उन पर बेसिक शिक्षा विभाग में हुई खरीद में वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे थे। अब वह भी बहाल हो चुके हैं।

    वर्ष 2011 बैच के अधिकारी अमरनाथ उपाध्याय डीएम महाराजगंज रहते निलंबित किए गए थे। इन पर गो-संरक्षण केंद्रों के बजट में धांधली के आरोप लगे थे। बाद में वह भी बहाल हो गए। इसी प्रकार केदारनाथ सिंह पर्यटन विभाग में रहते हुए निलंबित हुए थे।

    शारदा सिंह चकबंदी आयुक्त रहते निलंबित हुए थे। भर्ती में ओबीसी कोटे पर भर्ती न करने का आरोप लगे थे।

    जून 2018 में डीएम गोंडा के पद पर रहते हुए जितेंद्र बहादुर सिंह निलंबित हुए थे। जिले में सरकारी अनाज के घपले के आरोप लगे थे। वह अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

    2010 बैच के कुमार प्रशांत को डीएम फतेहपुर रहते सात जून 2018 में निलंबित किया गया था। इन पर सरकारी गेहूं खरीद में धांधली का आरोप था। वह अब बहाल हो चुके हैं।

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