Lucknow Nagar Nigam: चरनजीत सिंह गांधी बनीं उपाध्यक्ष, BJP ने चौंकाया! दौड़ में चल रहे कई नेताओं में निराशा
लखनऊ नगर निगम में भाजपा ने चरनजीत गांधी को कार्यकारिणी समिति का उपाध्यक्ष बनाकर चौंका दिया। महापौर सुषमा खर्कवाल ने यह संदेश दिया कि निगम के कार्यों में बेवजह हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। दौड़ में आगे चल रहे राजेश सिंह गब्बर को निराशा हुई। चरनजीत गांधी सिख समुदाय से हैं और उनका कार्यकाल एक वर्ष का है।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। भाजपा ने नगर निगम कार्यकारिणी समिति के उपाध्यक्ष पद पर चरनजीत गांधी का नाम घोषित कर हर किसी को चौंका दिया। इन नाम के माध्यम से महापौर सुषमा खर्कवाल ने यह भी संदेश देने का काम किया है कि नगर निगम के कार्यों में किसी का बेवजह का हस्तक्षेप नहीं चलेगा।
दौड़ में आगे चल रहे भाजपा पार्षद राजेश सिंह गब्बर को निराशा लगी है, क्योंकि वह लंबे समय से पार्षद हैं। हालांकि दैनिक जागरण ने दो दिन पहले ही चरनजीत सिंह को उपाध्यक्ष बनाने का जिक्र किया था।
जहां बताया था कि उपाध्यक्ष का दायित्व उसी सदस्य उसी को दिया जाएगा, जिनका कार्यकाल एक वर्ष ही रह गया है। चरनजीत सिंह का भी कार्यकाल एक वर्ष ही है। अभी तक गिरीश गुप्ता कार्यकारिणी समिति के उपाध्यक्ष थे।
अब महापौर के बाद उपाध्यक्ष का पद भी महिला के पास हो गया है। महापौर की अनुपस्थिति में कार्यकारिणी समिति की बैठक का संचालन करने का अधिकार उपाध्यक्ष के पास ही होता है। समिति ही नगर निगम के नीतिगत मामलों पर निर्णय लेती है।
चरनजीत गांधी सिख समुदाय से आती हैं, मोतीलाल नेहरू वार्ड से दो बार से पार्षद है। चरनजीत के नाम की घोषणा से सिख समुदाय को भी जोडऩे की कोशिश की गई है। पूर्व पार्षद सुरेंद्र सिंह गांधी की पत्नी चरनजीत सिंह ने वार्ड के महिला आरक्षित होने के बाद चुनाव लड़ा था।
सुरेंद्र गांधी पहले सपा से पार्षद थे और पिछला विधायकी का चुनाव भी उन्होंने कैंट विधानसभा सीट से सपा के टिकट से लड़ा था लेकिन ब्रजेश पाठक से उन्हें हार मिली थी, बाद में वह सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे।
टिकट के दावेदारों में राजेश सिंह गब्बर के अलावा सरोजनीनगर विधायक राजेश्वर लसिंह की टीम के खास व पार्षद केएन सिंह और ब्राह्मण समाज के अनुराग मिश्र अन्नू भी थे। बारह सदस्यीय कार्यकारिणी समिति के छह रिक्त पदों पर डेढ़ माह बाद 17 अगस्त को चुनाव हुआ था।
कारण यह था कि कार्यकारिणी सदस्यों के लिए भाजपा पांच पार्षदों का नाम तय नहीं कर पा रही थी। सपा ने मतों की संख्या के हिसाब से राम नरेश चौरसिया का नाम तय कर दिया था। आखिर क्षणों में अरुण कुमार राय, पृथ्वी गुप्ता, पिंकी लवकुश रावत, राजेश सिंह 'गब्बर' और संदीप शर्मा के नाम पर मुहर लग गई थी।
फूल माला न होने पर जताया विरोध
नगर निगम कार्यकारिणी समिति और सदन की बैठक कराने का जिम्मा समिति के जिम्मे होता है लेकिन उपाध्यक्ष पद पर घोषणा होने के बाद फूल माला तक का कोई इंतजाम नहीं था, जिसे लेकर पार्षदों ने विरोध जताया और कहा कि यह लापरवाही है, जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।
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