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Unnao Victim Accident Case : CBI ने MLA कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा

उन्नाव के माखी दुष्कर्म कांड की पीड़िता की दुर्घटना मामले में भाजपा के निलंबित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 लोगों के खिलाफ सीबीआइ ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 10:24 AM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 10:00 PM (IST)
Unnao Victim Accident Case : CBI ने MLA कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा
Unnao Victim Accident Case : CBI ने MLA कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा

लखनऊ, जेएनएन। उन्नाव के माखी दुष्कर्म कांड की पीड़िता की दुर्घटना मामले में भाजपा के निलंबित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 लोगों के खिलाफ सीबीआइ ने बुधवार को मुकदमा दर्ज कर लिया है। हादसा या साजिश को लेकर उठे सियासी बवंडर के बाद राज्य सरकार ने सीबीआइ जांच की सिफारिश कर दी थी। राज्य सरकार की संस्तुति पर केंद्र ने 24 घंटे के भीतर ही सीबीआइ जांच की अधिसूचना जारी कर दी, जिसके बाद सीबीआइ ने मंगलवार देर रात केस दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी थी।

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सीबीआइ ने बुधवार को लखनऊ में दर्ज किये मुकदमे में पुलिस द्वारा रायबरेली के गुरुबख्शगंज थाने में 29 जुलाई को दर्ज हत्या का मुकदमे को आधार बनाया है। बता दें, रायबरेली के गुरुबख्शगंज थाने में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर समेत 10 नामजद और 15-20 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। यह एफआइआर सोमवार को रायबरेली जेल में बंद पीड़ित किशोरी के चाचा की तहरीर पर दर्ज की गई थी। पुलिस ने 302 (हत्या), 307 (जानलेवा हमला), 506 (जान से मारने की धमकी) व 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।

सीबीआइ ने घटनास्थल का किया निरीक्षण 

मुकदमा दर्ज करने के बाद बुधवार सुबह एंटी करप्शन ब्रांच के एसपी राघवेंद्र वत्स के नेतृत्व में रायबरेली पहुंचकर उन्नाव के माखी की दुष्कर्म पीड़िता के वाहन के दुर्घटना मामले की छानबीन शुरू की। इस मामले की पड़ताल के लिए गठित एसआइटी टीम भी इस दौरान मौजूद रही। एडिशनल पुलिस अधीक्षक शशी शेखर सहित एसआइटी में नामित सीओ भी दुर्घटनास्थल पर सीबीआइ टीम के मौजूद रहे। बताया गया कि जल्द घटना का रीक्रिएशन भी कराया जाएगा। सीबीआइ ने रायबरेली पुलिस से घटना की सूचना मिलने के बाद से अब तक की गई कार्रवाई का ब्योरा भी लिया। जांच के लिए एक दिन पूर्व ही गठित की गई एसआइटी के सदस्यों से भी कई जानकारियां लीं। 

सीबीआइ की एफआइआर में राज्य मंत्री के दामाद भी आरोपित

दुर्घटना मामले में सीबीआइ की एफआइआर में योगी सरकार के कृषि राज्य मंत्री रणवेंद्र सिंह उर्फ धुन्नी सिंह का दामाद भी आरोपित बनाया गया है। पीड़ित परिवारीजन का कहना है कि अरुण सिंह राज्य मंत्री के दामाद हैं और नवाबगंज से ब्लॉक प्रमुख हैं। यूपी सरकार के मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह ने अपने दामाद का नाम पर सीबीआइ की एफआइआर में शामिल होने पर कहा कि सीबीआइ मामले की जांच कर रही है। जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। वह मेरा रिश्तेदार हैं, इसमें कोई शक नहीं है, लेकिन यह कोई अपराध नहीं है। 

ये हैं नामजद आरोपित

सीबीआइ की एफआइआर में कुलदीप सिंह सेंगर, मनोज सिंह सेंगर, विनोद मिश्रा, हरिपाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह, वकील अवधेश सिंह को आरोपित बनाया गया है। इनमें हरिपाल सिंह और रिंकू सिंह दुष्कर्म केस में आरोपित शशि सिंह के पति और बेटे हैं। कोमल सिंह विधायक के भाई मनोज सिंह के दोस्त हैं। नवीन सिंह विधायक के खास बताए जाते हैं। वकील अवधेश सिंह कुलदीप के मामलों की पैरवी करते हैं। इसके अलावा 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।

अब तक पांच केस दर्ज कर चुकी सीबीआइ

सीबीआइ माखी दुष्कर्म कांड में अब तक पांच केस दर्ज कर चुकी है। इनमें पीड़ित किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट तथा पीड़िता के पिता को पीटने व झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने के मामले भी शामिल हैं। सीबीआइ इनमें तीन केस में आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। सामूहिक दुष्कर्म के केस में आरोपपत्र अभी दाखिल नहीं किया गया है। अब बुधवार को सीबीआइ ने माखी दुष्कर्म कांड की पीड़िता के साथ रायबरेली में हुई दुर्घटना मामले में भी केस दर्ज किया है। सीबीआइ ने आरोपित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को 13 अप्रैल, 2018 को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वह जेल में है।

विधायक सेंगर का भाई भी आरोपित

रायबरेली जेल में बंद पीड़ित किशोरी के चाचा कीकारागार अधीक्षक के जरिये दी गई तहरीर का आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। इस मुकदमे में बांगरमऊ (उन्नाव) से भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर के अलावा उसके भाई मनोज सिंह सेंगर, विनोद मिश्र, हरिपाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, रिंकू सिंह तथा अधिवक्ता अवधेश सिंह आरोपित हैं।

रायबरेली जाते वक्त हुआ था हादसा

उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता रविवार को अपनी चाची, मौसी और अधिवक्ता के साथ कार से रायबरेली जिला कारागार में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी। तभी बारिश के दौरान रायबरेली में दोपहर करीब एक बजे उनकी कार सामने से आ रहे अनियंत्रित तेज रफ्तार ट्रक के पिछले हिस्से से टकरा गई थी। हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी। चाची दुष्कर्म मामले में सीबीआइ की गवाह थीं, जबकि गंभीर रूप से घायल पीड़िता व अधिवक्ता का लखनऊ स्थित ट्रॉमा सेंटर में इलाज चल रहा है, जहां दोनों की हालत अभी गंभीर बताई जा रही है। इस दुर्घटना के बाद विपक्ष ने हादसे को साजिश बताते हुए सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया।

पीड़िता ने मुख्य न्यायाधीश को भेजा था पत्र

सड़क दुर्घटना से पहले उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता और उसके परिवार की ओर से मुख्य न्यायाधीश को सुप्रीम कोर्ट में पत्र भेज कर अभियुक्तों द्वारा धमकी दिये जाने की शिकायत की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि सुप्रीम कोर्ट में पत्र प्राप्त हुआ है। पत्र हिंदी में है। मुख्य न्यायाधीश ने जिम्मेदार अधिकारी को उस पर एक नोट बनाकर उनके समक्ष पेश करने का आदेश दिया है। 12 जुलाई को लिखे इस पत्र में दो दिन लगातार 7 और 8 जुलाई को अभियुक्तों की ओर से पीड़ित के घर आकर धमकी दिये जाने और पीड़ित परिवार पर समझौते के लिए दबाव डालने की बात कही गई है। पत्र में दोनों दिन का पूरा घटनाक्रम बयां करते हुए कहा गया है कि अभियुक्तों की ओर से धमकी दी गई कि सुलह कर लो नहीं तो पूरे परिवार को फर्जी मुकदमे लगा कर जेल में सड़ा कर मार डालेंगे।

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