यूपी समाज कल्याण विभाग ने वित्त विभाग काे नहीं लौटाए बजट के 300 करोड़ रुपये, CAG रिपोर्ट में खुलासा
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग ने वित्त विभाग को बजट के 300 करोड़ रुपये नहीं लौटाए। सीएजी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है, जिससे वित्तीय अनियमितता ...और पढ़ें

342 में से सिर्फ 40 करोड़ रुपये ही वित्त विभाग को वापस किया
अनुपूरक अनुदान से मिले 115 करोड़ रुपये अनावश्यक साबित
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की रिपोर्ट में समाज कल्याण विभाग की बड़ी लापरवाही को उजागर किया है। समाज कल्याण विभाग ने मूल बजट में से 342 करोड़ रुपये बचे, लेकिन वित्त विभाग को महज 40 करोड़ ही वापस किए।
्र302 करोड़ रुपये का ब्योरा नहीं मिलने पर सवाल उठाए हैं। जिससे विभाग की ओर से अनुदान व्यय मूल बजट से कम होने की वजह से अनुपूरक अनुदान अनावश्यक साबित हुआ। अनुपूरक अनुदान के रुप में विभाग को मिले 115 करोड़ रुपये अनावश्यक साबित हुए। बाकी रकम विभाग के पास ही पड़ी रही।
सीएजी की रिपोर्ट में विभाग के इस रवैये पर आपत्ति जताई गई है। कुछ योजनाओं में समय पर केंद्रांश नहीं मिलने के कारण धनराशि को वापस लौटाना पड़ा।
अनुसूचित जातियों के कल्याणा के लिए शोध एवं प्रशिक्षण योजनाओं में 1.79 करोड़ रुपये संयुक्त निदेशक व निदेशक नहीं होने पर छत्रपति शाहू जी महाराज शोध प्रशिक्षण संस्थान से विज्ञापन की आवश्यकता न होने पर कोई बिल प्राप्त नहीं हुआ।
उच्च शिक्षा विभाग ने 957 व आबकारी ने 195 करोड़ नहीं लौटाए। सीएजी की रिपोर्ट में उच्च शिक्षा विभाग को दिए गए बजट में से हुई 957 करोड़ रुपये की बचत में से धनराशि वापस न किए जाने पर आपत्ति जताई गई है।
3.92 करोड़ रुपये का अनुपूरक अनुदान भी उच्च शिक्षा विभाग के लिए बेकार साबित हुआ। आबकारी विभाग को दिए गए बजट में से 195 करोड़ रुपये बचे इसमें से कोई रकम वित्त विभाग को वापस नहीं किए गए। 50 करोड़ रुपये का अनुपूरक अनुदान भी बेकार में लिया जो अनावश्यक साबित हुआ।

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