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    Cabinet Approval Implemented : राज्यकर्मियों को भवन निर्माण, मरम्मत के लिए अग्रिम राशि की सीमा बढ़ाई गई

    Updated: Wed, 06 Aug 2025 12:13 PM (IST)

    Cabinet Approval Implemented प्रदेश के वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इससे संबंधित आदेश मंगलवार को जारी किया जिसमें लिखा गया है कि नियमित रूप से नियुक्त समस्त कार्मिक जिन्होंने न्यूनतम पांच साल की सेवा पूरी कर ली है वह अग्रिम लेने के लिए पात्र होंगे।

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    राज्यकर्मियों को भवन निर्माण, मरम्मत के लिए अग्रिम राशि की सीमा बढ़ाई गई

    राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : राज्य सरकार के अधिकारियों व कर्मचारियों को भवन निर्माण, खरीद, मरम्मत व विस्तार के लिए अग्रिम में दी जाने वाली धनराशि की सीमा बढ़ाए जाने का आदेश सरकार ने जारी कर दिया है।

    भवन निर्माण व खरीद के लिए अग्रिम के रूप में 34 माह का मूल वेतन या अधिकतम 25 लाख रुपये तक जो भी कम होगा वह मिलेगा। इससे संबंधित प्रस्ताव को कैबिनेट की पिछली बैठक में स्वीकृति दी गई थी।

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    वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इससे संबंधित आदेश मंगलवार को जारी किया जिसमें लिखा गया है कि नियमित रूप से नियुक्त समस्त कार्मिक जिन्होंने न्यूनतम पांच साल की सेवा पूरी कर ली है वह अग्रिम लेने के लिए पात्र होंगे।

    अग्रिम के रूप में ली गई धनराशि की ब्याज सहित वापसी 240 मासिक किश्तों में करनी होगी। भवन की लागत सीमा मूल वेतन का 139 गुणा और अधिकतम एक करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। यदि प्रशासकीय विभाग किसी विशिष्ट मामले में संतुष्ट है तो वह निर्धारित सीमा में 24 प्रतिशत तक वृद्धि कर सकता है।

    भवन विस्तार व मरम्मत के लिए 24 माह का मूल वेतन अथवा अधिकतम दस लाख रुपये अथवा भवन मरम्मत व विस्तार की लागत जो भी कम हो मिलेगा। इसकी ब्याज सहित वसूली अधिकतम 120 मासिक किश्तों में होगी। 2024-25 के लिए भारत सरकार द्वारा ब्याज दर 7.44 प्रतिशत निर्धारित रही है।

    भविष्य में भारत सरकार द्वारा ब्याज दरों में संशोधन किए जाने पर उसके अनुसार ब्याज दरें संशोधित होंगी। पहली किश्त के भुगतान की तारीख से अग्रिम पर साधारण ब्याज लिया जाएगा। ब्याज दरों में परिवर्तन की स्थिति में कर्मचारी द्वारा विभिन्न वित्तीय वर्षों में लिए गए अग्रिम की दूसरी अथवा बाद की किश्तों में ब्याज की लागू दर उस वर्ष की होगी जिस वर्ष भवन निर्माण अग्रिम की स्वीकृति दी गई थी।