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    ब्रिटिश नागरिक आजमगढ़ का मदरसा शिक्षक शमशुल हुदा, दस वर्ष तक लेता रहा वेतन; अब मनी लांड्रिंग का केस

    By Manoj Kumar Tripathi Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Thu, 25 Dec 2025 05:37 PM (IST)

    ED Starts Case of Money Laundering: ब्रिटेन में रहने वाले मदरसा शिक्षक शमशुल हुदा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर ...और पढ़ें

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     मदरसा शिक्षक शमशुल हुदा 

    राज्य ब्यूराे, जागरण, लखनऊः ब्रिटेन में रहने वाले आजमगढ़ के निवासी मदरसा शिक्षक शमशुल हुदा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में मदरसा शिक्षक शमशुल हुदा खान पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज किया है।

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    शमशुल वर्ष 2007 से ब्रिटेन में रह रहा है और वहां की नागरिकता हासिल कर ली है। इसके बाद भी उसकी सेवा पुस्तिका की जांच किए बिना उसे वर्ष 2007 से 2017 तक नियमित तौर पर वेतन दिया जाता रहा। वर्ष 2017 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्त लेने के बाद भी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की तरफ से उसकी पेंशन स्वीकृत कर दी गई थी।

    आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) शमशुल के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में जांच कर रहा है। शमशुल ब्रिटेन व पाकिस्तान सहित कई इस्लामिक देशों के कंटरपंथियों के संपर्क में था। वह नियमित तौर पर इस्लाम का प्रचार भी कर रहा था। उसके बैंक खातों में विभिन्न देशों से चार करोड़ से अधिक की राशि जमा की गई थी।

    एटीएस की जांच में यह बात भी सामने आइ थी कि शमशुल ने कई बार पाकिस्तान का दौरा किया था और कई संदिग्ध आतंकियों की संपर्क में था। उसकी अंतिम लोकेशन लंदन में मिली थी। ईडी ने एटीएस की जांच के आधार पर शमशुल के विरुद्ध मनी लांड्रिंग का केस दर्ज आगे की जांच शुरू कर दी है। विदेश में होने के बाद भी उसकाे लगातार वेतन व पेंशन का लाभ देने के आरोप में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक समेत चार अधिकारियों को बीते माह निलंबित कर दिया गया था।

    जांच में सामने आया कि शमशुल 12 जुलाई 1984 को मदरसा दारूल उलूम अहले, सुन्नत मदरसा अशरफिया मुबारकपुर आजमगढ़ में सहायक अध्यापक आलिया के पद पर नियुक्त हुआ था। 2007 से ही वह ब्रिटेन में रह रहा था। उसने 19 दिसंबर 2013 को ब्रिटिश नागरिकता हासिल कर ली थी।

    वर्ष 2007 से 2017 तक बिना उसकी सेवा पुस्तिका की जांच किए प्रतिवर्ष वेतन वृद्धि प्रदान की गयी और 1 अगस्त 2017 से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्रदान करते हुए पेंशन भी स्वीकृत कर दी गयी। जांच में यह खुलासा होने के बाद खलीलाबाद कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ उसके मदरसे को भी सील कर दिया गया था। उसके विरुद्ध पूर्व में दो अन्य प्राथमिकी संतकबीरनगर और आजमगढ़ में भी दर्ज हैं।