BrahMos Supersonic Missile: देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले-भारत अब टेकर नहीं गिवर की भूमिका निभा रहा
BrahMos Supersonic Missile Delivered: ब्रह्मोस एक हथियार नहीं है, यह तो बच्चों के लिए शिक्षा और हेल्थ केयर के अवसर का रास्ता खोलेगा। ब्रह्मोस मिसाइल के उत्पादन से होने वाली जीएसटी की आय से कई स्कूल और अस्पताल बन सकेंगे।

लखनऊ में पीटीसी इंडस्ट्रीज का भ्रमण एवं सिंबोलिक ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी ऑफ सिस्टम इंटीग्रेशन फैसिलिटी कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
जागरण संवाददाता, लखनऊ : चार ब्रह्मोस मिसाइल की खेप को भारतीय सेना को सौंपने के लिए रवाना करने के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आयोजन स्थल पर मौजूद लोगों को संबोधित किया। लखनऊ यूनिट में तैयार ब्रह्मोस मिसाइल को राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ डिलीवरी के लिए रवाना किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कहा कि भारत अब टेकर नहीं गिवर की भूमिका निभा रहा है। कई देश भारत के साथ तकनीकी सहयोग में रुचि रखते हैं। पिछले एक महीने में ब्रह्मोस टीम ने दो देशों के साथ चार हजार करोड़ के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। अब तो बहुत जल्दी कई देशों के रक्षा विशेषज्ञ लखनऊ आयेंगे।
जल्द ही लखनऊ को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में विश्व मानचित्र पर चलते देखेंगे। उन्होंने कहा कि देश के लिए इससे बड़ा धनतेरस क्या हो सकता है। अब तो हमारी सुरक्षा के साथ-साथ इकोनामी पर भी मां लक्ष्मी की कृपा बरस रही है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि लखनऊ की ब्रह्मोस इकाई का सालाना टर्न ओवर अगले वित्तीय वर्ष में तीन हजार करोड़ रूपये होगा। इससे जीएसटी कलेक्शन पांच सौ करोड़ रुपए आएगा। ब्रह्मोस एक हथियार नहीं है, यह तो बच्चों के लिए शिक्षा और हेल्थ केयर के अवसर का रास्ता खोलेगा। ब्रह्मोस मिसाइल के उत्पादन से होने वाली जीएसटी की आय से कई स्कूल और अस्पताल बन सकेंगे।
यह भी पढ़ें- BrahMos Supersonic Missile: लखनऊ में सुपर सोनिक ब्रह्मोस मिसाइलों के प्रथम बैच का फ्लैग ऑफ, देश की सेना होगी और मजबूत
इस अवसर पर रक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री ने ब्रह्मोस के सिमुलेटर के प्रदर्शन को भी देखा। उन्होंने कहा कि ब्रम्होस से एमएसएमई सेक्टर को बूम मिलेगा और रक्षा सेक्टर में बड़ी कंपनियों के आने से प्रदेश में बेहतर माहौल बनेगा।
यह भी पढ़ें- Lucknow News: व्यापारी मिलन समारोह में पहुंचे राजनाथ सिंह, बोले- 'शिप से लेकर चिप तक बना रहा भारत'
लखनऊ में दो लाख से अधिक एमएसएमई पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ अब सिर्फ तहजीब का शहर नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी का शहर बन गया है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।